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विशेष ट्रेन चलाने पर कर्नाटक सरकार ने मारी पलटी, संकट में फंसे प्रवासी मजदूर
प्रवासी मजदूरों को वापस उनके गृह राज्य भेजने के मामले में कर्नाटक सरकार ने पलटी मार ली है। कर्नाटक सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध वापस ले लिया है। इस कारण अब कर्नाटक से प्रवासी मजदूरों की घर वापसी काफी मुश्किल हो गई है ।
बेंगलुरु: प्रवासी मजदूरों को वापस उनके गृह राज्य भेजने के मामले में कर्नाटक सरकार ने पलटी मार ली है। कर्नाटक सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध वापस ले लिया है। इस कारण अब कर्नाटक से प्रवासी मजदूरों की घर वापसी काफी मुश्किल हो गई है । जानकारों का कहना है कि राज्य की येदियुरप्पा सरकार ने बिल्डर्स के दबाव में यह फैसला किया है।
बिल्डर्स के दबाव में लिया फैसला
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के साथ बिल्डर्स की बैठक में प्रवासी मजदूरों की वापसी का मुद्दा जोर-शोर से उठा। बैठक में बिल्डर्स ने मुख्यमंत्री से मांग की कि मजदूरों को उनके गृह राज्य जाने से रोकने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाए जाएं। उनका कहना था कि यदि प्रवासी मजदूरों को घर लौटने से नहीं रोका गया तो राज्य में कंस्ट्रक्शन का काम करना काफी मुश्किल हो जाएगा। मजदूरों की कमी के कारण कई जगह काम ठप होने की आशंका है। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा भी बिल्डर्स की इस बात से सहमत दिखे।
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रेल मंत्रालय से ट्रेनें रद्द करने को कहा
मुख्यमंत्री की इस बैठक के बाद कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु से विशेष श्रमिक ट्रेनें चलाने के संबंध में रेल मंत्रालय से किया गया अनुरोध वापस ले लिया है। दो दिन पहले ही राज्य सरकार ने रेलवे से पांच दिनों तक हर रोज 3 स्पेशल ट्रेनें चलाने की मांग की थी। कर्नाटक से ये ट्रेनें बिहार जाने वाली थीं मगर बैठक के बाद कर्नाटक सरकार के नोडल अधिकारी मंजूनाथ प्रसाद ने रेलवे को पत्र लिखकर स्पेशल ट्रेनें न चलाने का अनुरोध किया।
पत्र में कहा गया है कि राज्य से प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की जरूरत नहीं है। हम इस बाबत पहले किया गया अनुरोध वापस लेते हैं। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने भी कर्नाटक सरकार से ट्रेनों को रद्द करने के संबंध में चिट्ठी मिलने की पुष्टि की है।
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मजदूर कर चुके हैं तोड़फोड़ और हाथापाई
सूत्रों का कहना है कि कोरोना संकट से पहले कर्नाटक में विभिन्न शहरों में तेजी से निर्माण कार्य की गतिविधियां चल रही थीं मगर लॉकडाउन के कारण इन सभी गतिविधियों पर विराम लग गया है। रोजी-रोटी छिन जाने से परेशान मजदूर अपने घरों को वापस जाने के लिए व्याकुल हैं। बेंगलुरु में काम करने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के मजदूरों ने हाल में घर वापसी के लिए प्रबंध करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान तोड़फोड़ और पुलिसकर्मियों से हाथापाई भी हुई थी। इसके बाद कर्नाटक सरकार की ओर से रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध किया गया था।
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सरकार ने निर्माण कार्य की दी इजाजत
बिल्डर्स के साथ बैठक के बाद सरकार को भी यह बात समझ में आ गई कि अगर प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य लौट जाएंगे तो राज्य में तमाम गतिविधियां ठप हो सकती हैं। इसी कारण सरकार ने अपना पराना अनुरोध वापस लेते हुए विशेष ट्रेनों को रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने अधिकारियों से कहा है कि वे इस बाबत मजदूरों से बातचीत करें और उन्हें समझाएं कि उन्हें राज्य छोड़कर जाने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार उनकी सुख सुविधा का पूरा ख्याल रखेगी।
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लॉकडाउन के तीसरे चरण में राज्य सरकार ने भवन निर्माण समेत कई व्यापारिक गतिविधियों को मंजूरी दी है। मजदूर वैसे तो राज्य में रुककर अब काम करने को तैयार नहीं है मगर जानकारों का कहना है कि रोजगार मिलने के बाद मजदूरों का संकट कुछ हद तक दूर हो सकता है।