बहुत कम श्रद्धालु दर्शन के लिए जा रहे करतारपुर, ये है बड़ी वजह

पाकिस्ता्न में स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारा के दर्शन करने बहुत कम लोग जा रहे हैं। सोमवार को महज 130 लोग ही करतारपुर कॉरिडोर दरबार साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए गए।

Shreya
Published on: 12 Nov 2019 7:04 AM GMT
बहुत कम श्रद्धालु दर्शन के लिए जा रहे करतारपुर, ये है बड़ी वजह
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बहुत कम श्रद्धालु दर्शन के लिए जा रहे करतारपुर, ये है बड़ी वजह

नई दिल्ली: रविवार को करतारपुर का रास्ता सभी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। लेकिन पाकिस्ता्न में स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारा के दर्शन करने बहुत कम लोग जा रहे हैं। सोमवार को महज 130 लोग ही करतारपुर कॉरिडोर दरबार साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए गए। रविवार को पहली बार आम लोगों के लिए कॉरिडोर खोला गया था। इस दिन भी केवल 229 श्रद्धालुओं ही दर्शन के लिए पहुंचे थे। वहीं सूत्रों से ये पता चला है कि, मंगलवार को गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर 660 श्रद्धालु करतारपुर दर्शन के लिए जाने वाले हैं।

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दूरबीन से हजारों लोग कर रहें दर्शन

वहीं दूसरी ओर, भारतीय सीमा के अंदर से गुरुद्वारे के दूरबीन से दर्शन करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। पहले हर रोज मात्र 250 श्रद्धालु ही दूरबीन से दर्शन करने के लिए पहुंचते थे, लेकिन अब ये संख्या 2 दिनों में बढ़कर प्रतिदिन 5 हजार तक पहुंच गई है।

पहले दिन पहुंचे 562 लोग

पहले ये अनुमान लगाया जा रहा था कि, 9 नवंबर को उद्घाटन होने के बाद हर रोज करीब 5 हजार श्रद्धालु करतारपुर कॉरिडोर पार कर दरबार साहिब दर्शन के लिए जाएंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच 5 हजार श्रद्धालुओं की सीमा भी तय हुई थी। पहले दिन दर्शन के लिए पहुंचे 562 लोगों में अतिविशिष्ट अतिथियों के अलावा पंजाब और केंद्र सरकार द्वारा आमंत्रित एनआरआई शामिल थे।

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पाकिस्तान जाने में लोगों में हिचक

लोगों के करतारपुर जाने में हिचक को लेकर सूत्र का कहना है कि, पाकिस्तान जाने वाले लोगों का डिजीटल रिकॉर्ड रखा जाता है और शायद ये वजह उन युवाओं को पाकिस्तान जाने से रोक रही है जो आने वाले दिनों में अमेरिका या दूसरे देशों की यात्रा करना चाहते हों। इसके अलावा दूसरी बड़ी वजह ये भी है कि, वहां जाने के लिए पासपोर्ट अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि शुरुआत में पाक पीएंम इमरान खान का कहना था कि, भारतीय श्रद्धालुओं को करतारपुर आने के लिए पासपोर्ट की जरुरत नहीं होगी। लेकिन फिर बाद में इसे यात्रियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया।

इसको लेकर पाकिस्तान की सेना की ओर से कहा गया कि, सुरक्षा कारणों से पासपोर्ट में छूट नहीं दी जा सकती है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि, हम अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते हैं।

ये भी हैं अहम वजह

इन सबके अलावा पाक की ओर से ली जाने वाली 20 डॉलर सर्विस फीस, भारत और पाक के बीच बढ़ता तनाव और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी का अभाव भी लोगों को करतारपुर जाने से रोक रहा है। जिस वजह से श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आ रही है।

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