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रेस्क्यू टीमें हाई-अलर्ट: कश्मीर में एवलांच से बचने के लिए लोगों को दी जा रही ट्रेनिंग
भयंकर बर्फबारी की वजह से भारतीय सेना की एवलांच रेस्क्यू टीमें पूरी तरह से तैयार हैं। एवलांच रेस्क्यू टीमें हिमस्ख्लन की चुनौतियों का सामना करने के लिए पहाड़ी इलाकों में हाई अलर्ट पर हैं। ऐसे में ये टीमें पीर पंजाल के उत्तर में किसी भी प्रकार की दुर्लभ स्थितियों का सामना करने के लिए भी डटकर खड़ी हैं।
जम्मू: कश्मीर घाटी के दूरदराज इलाकों में भयंकर बर्फबारी की वजह से भारतीय सेना की एवलांच रेस्क्यू टीमें पूरी तरह से तैयार हैं। एवलांच रेस्क्यू टीमें हिमस्ख्लन की चुनौतियों का सामना करने के लिए पहाड़ी इलाकों में हाई अलर्ट पर हैं। ऐसे में ये टीमें पीर पंजाल के उत्तर में किसी भी प्रकार की दुर्लभ स्थितियों का सामना करने के लिए भी डटकर खड़ी हैं। ये रेस्क्यू टीमें दुर्गम इलाकों में वहां के लोगों को भी सिखा स्थितियों का सामना करना सीखा रही है। कि आपदा के समय उन्हें जिंदगियां बचाने के लिए क्या करना है।
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सेना की है अनोखी तैयारी
भारतीय सेना ने ऐसे कार्यक्रम कश्मीर के बारामूला जिले में आयोजित किए हैं। सेना ने अभियान आयोजित कर लोगों को बताया गया है कि बर्फ में बचाव कैसे करना है, इसके लिए किन उपकरणाों की जरूरत होती है व बर्फ से निकाले गए लोगों को किस तरह से प्राथमिक उपचार देकर उनकी जान बचानी है।
फोटो-सोशल मीडिया
असल में पीर पंजाल क्षेत्र के दुर्गम हालातों में सर्दियों के महीने में कई बार हिमस्खलन की वजह से लोगों के लिए मुश्किलें पैदा हो जाती हैं। तो ऐसे हालातों का सामना करने के लिए सेना की भी तैयारी होती है। इन स्थितियों में अगर स्थानीय निवासियों की मदद करने में प्रशिक्षित हो तो बर्फ में फंसे लोगों को और भी बेहतर तरीके से बचाया जा सकता है।
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बर्फीले इलाके में लोगों को भी सिखाया जाता
लोगों को प्रशिक्षित करने के पीछे बारामूला जिले में आपदा का सामना करने के लिए तैयार सेना की यूनिट के लेफ्टिनेंट कर्नल प्रिंस रोहित का ये कहना है। उनके हिसाब से सेना के जवानों की पूरी कोशिश होती है कि नियंत्रण रेखा या दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित रखा जाए। टीम ने हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग में प्रशिक्षण लिया है।
ऐसे में टीम विशेष उपकरणों की मदद से किसी भी उच्च पर्वतीय इलाके में तुरंत ही राहत अभियान चलाने में सक्षम है। अब ऐसे हालात में बर्फीले इलाके में लोगों को भी सिखाया जाता है कि प्राकृतिक आपदा आने पर उन्हें क्या करना होता है। जिससे लोगों की जान बचाई जा सके।
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