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वुहान का दर्दनाक दृश्य: कश्मीरी छात्रों ने PM मोदी को बतायी बात, जानकर होंगे हैरान
पीएम मोदी से फोन पर बात करते हुए एक छात्र ने कहा कि वुहान में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई तो मेडिकल का छात्र होने के बावजूद वह डर गया था।
नई दिल्ली: कोरोना से बुरी तरह से प्रभावित चीन के वुहान शहर से भारत लौटे कश्मीरी छात्रों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात की है। कोरोना को लेकर इन छात्रों ने पीएम मोदी के साथ अपना अनुभव बताया। पीएम मोदी से फोन पर बात करते हुए एक छात्र ने कहा कि वुहान में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई तो मेडिकल का छात्र होने के बावजूद वह डर गया था।
वुहान में हालात ख़राब होने से पहले ही भारत सरकार ने लिया एक्शन
कश्मीर के बनिहाल के रहने वाले निजामुर रहमान ने पीएम से बातचीत में भारत सरकार का धन्यवाद किया और कहा कि वुहान में हालात खराब होते उससे पहले ही भारत सरकार ने उन लोगों को वहां से निकाल लिया। बता दें कि निजामुर रहमान 60 कश्मीरी छात्रों के साथ वुहान से एअर इंडिया के जरिए भारत आया था।
लोग समझते हैं कि लॉकडाउन जेल जैसा है
पीएम ने जब रहमान से उसका अनुभव पूछा तो उसने कहा कि वुहान में उसका अधिकतर समय लॉकडाउन में गुजरता था। बातचीत के दौरान पीएम ने कहा कि लोग समझते हैं कि लॉकडाउन जेल जैसा है, लेकिन ऐसा नहीं है।
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पीएम की बातों से सहमति जाहिर करते हुए रहमान ने कहा कि कोरोना का मुकाबला करने के लिए लॉकडाउन बेहद जरूरी है। उसने कहा कि लॉकडाउन के जरिये ही इस बीमारी के संक्रमण को रोका जा सकता है।
पीएम मोदी ने नर्स से भी की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे के नायडू अस्पताल की नर्स छाया से भी बात की और उनका आभार जताया। छाया ने पीएम से कहा कि मुझे अपने परिवार की चिंता है, लेकिन इस घड़ी में लोगों की सेवा करना हमारा कर्तव्य भी है। मैं दोनों तरफ मैनेज कर रही हूं। बता दें कि चीन के हुबेई प्रांत का वुहान शहर कोरोना वायरस के संक्रमण का केंद्र रहा है। इस शहर से ही कोरोना के वायरस दूसरे शहरों में फैला।
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बता दें कि भारत में इस वक्त कोरोना मरीजों की संख्या 900 से ज्यादा हो गई है। जबकि इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 20 हो गई है। कोरोना से निपटने के लिए मोदी सरकार ने 14 अप्रैल तक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की है।