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कठुआ गैंगरेप केस: बाप की गुहार सुन एक बार SC फिर करेगा सुनवाई

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट कठुआ बलात्कार एवं हत्या मामले में पीड़िता के पिता की अर्जी पर याचिका पर सुनवाई करेगा। पीड़िता के पिता ने अपनी अर्जी में निचली अदालत द्वारा दोषियों को सुनायी गयी सजा को बढ़ाने का अनुरोध किया है और एक आरोपी को बरी करने की चुनौती दी गई थी।

Roshni Khan
Published on: 18 July 2019 4:33 AM GMT
कठुआ गैंगरेप केस: बाप की गुहार सुन एक बार SC फिर करेगा सुनवाई
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नई दिल्ली: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट कठुआ बलात्कार एवं हत्या मामले में पीड़िता के पिता की अर्जी पर याचिका पर सुनवाई करेगा। पीड़िता के पिता ने अपनी अर्जी में निचली अदालत द्वारा दोषियों को सुनायी गयी सजा को बढ़ाने का अनुरोध किया है और एक आरोपी को बरी करने की चुनौती दी गई थी।

जम्मू कश्मीर के कठुआ में पिछले साल आठ साल की एक लड़की से बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी। इस घटना से देशभर में आक्रोश फैल गया था।

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10 जुलाई को दायर की गई अपनी याचिका में, आठ वर्षीय लड़की के पिता ने मामले में दोषी ठहराए गए छह आरोपियों के लिए सजा बढ़ाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता के वकील उत्सव बैंस ने कहा, ''न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगी।

याचिकाकर्ता के वकील उत्सव बैंस ने कहा जस्टिस राजीव शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच गुरुवार को मामले की सुनवाई करेगी। याचिका में लड़की के पिता ने अनुरोध किया कि तीन दोषियों को सुनवाई गयी उम्रकैद की सजा को बढ़ाकर इसे मृत्युदंड किया जाये और जिन तीन लोगों को पांच साल की जेल की सजा सुनायी गयी है उसे बढ़ाकर आजीवन कारावास किया जाये।

पिछले महीने पठानकोट की अदालत ने इस घटना के सरगना और गांव के छोटे से मंदिर की देखभाल करने वाले सांझी राम को उम्रकैद की सजा सुनायी थी। पिछले साल जनवरी में गांव के मंदिर में इस घटना को अंजाम दिया गया था।

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खानाबदोश समुदाय से आने वाली लड़की से सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में अदालत ने विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और परवेश कुमार को भी यही सजा सुनायी।

इन धाराओं के तहत पाए गए दोषी

उन्हें रणबीर दंड संहिता (जम्मू एवं कश्मीर राज्य रणबीर दंड संहिता-RPC) की धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था, जिनमें हत्या, सामूहिक बलात्कार, अपहरण, सबूत नष्ट करने और साजिश रचने से आरोप थे।

सांझी राम के बेटे विशाल जंगोत्रा को अदालत ने बरी कर दिया था, जबकि सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज और विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंद्र वर्मा को पांच-पांच साल जेल की सजा सुनायी थी। बहरहाल दोषियों ने भी पठानकोट सत्र अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर खुद के निर्दोष होने और मामले में गलत तरीके से फंसाये जाने का दावा किया है।

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यह है पूरा मामला

चार्जशीट के अनुसार, बच्ची का पिछले साल 10 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था और सांझी राम द्वारा प्रबंधित एक छोटे से गांव के मंदिर में कैद में बलात्कार किया गया था।

बाद में उसे मौत के घाट उतार दिया गया। उसका शव 17 जनवरी को मिला था। दोषियों ने पठानकोट सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ भी अपील दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया था। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मुकदमे को पठानकोट अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया था।

Roshni Khan

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