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कोरोना से लड़ने को केरल पूरी तरह तैयार, स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी

केरल ही वो राज्य है जहां भारत में कोरोना का पहला मामला सामने आया था। केरल में 30 जनवरी को कोरोना का पहला केस सामने आया था

Aradhya Tripathi
Published on: 5 April 2020 1:59 PM IST
कोरोना से लड़ने को केरल पूरी तरह तैयार, स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी
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पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। भारत में आए दिन लगातार कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या बढती जा रही है। केरल ही वो राज्य है जहां भारत में कोरोना का पहला मामला सामने आया था। केरल में 30 जनवरी को कोरोना का पहला केस सामने आया था जो कि देश में कोरोना का पहला मामला था। जिसके बाद से केरल की राज्य सरकार से लेकर पूरे देश की सरकार लगातार इस जानलेवा वायरस को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अफ़सोस अभी तक कोई उपाय नहीं मिल पाया है। केरल सरकार ने कुछ हद तक अपने राज्य में अंकुश लगाया है।

केरल है पूरी तरह से तैयार

केरल में जो पहला केस सामने आया था वो व्यक्ति न्यूयॉर्क से भारत लौटा था। पहला केस सामने आने के बाद राज्य सरकार ने उसे तुरंत आइसोलेशन में डाल दिया था। जिससे की ये वायरस आगे न बढ़ सके। केरल सरकार ने अब अपने अच्छे स्वास्थ्य सेवाओं के दम पर कोरोना वायरस के संक्रमण पर थोडा सा अंकुश लगाया है।

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जिसके विषय में बात करते हुए केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि हमने ट्रेसिंग, प्लानिंग और ट्रेनिंग पर काम किया। जिसकी दम पर हम सफल हुए। मंत्री शैलजा बताती हैं कि अगर आगे मामले बढ़ते हैं तो केरल का स्वास्थ्य विभाग अभी एक बार में 8000 मरीजों को हैंडल करने की क्षमता रखता है।

हमने अच्छे से की थी प्लानिंग

मंत्री केके शैलजा ने बताया कि हम अपनी प्लानिंग के हिसाब से काम कर रहे हैं। हम इस महामारी से लड़ने के लिए शुरू से तैयार थे। चीन के शहर वुहान से इस वायरस के शुरू होते ही हम ऐक्शन में आ गए थे और हमने अपनी तैयारियां प्रारम्भ कर दीं थीं। हमारे स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी में ही जिलों में कंट्रोल रूम बनाने का निर्देश दे दिया था।

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मंत्री ने बताया कि मुख्य समस्या तब हुई जब लोग बाहर से वापस लौटने लगे। ऐसे में संक्रमितों की संख्या एक दम से बढ़ने लगी। मंत्री ने बताया की हमने तैयारी की थी कि हम लोगों की एयरपोर्ट पर अच्छे से स्क्रीनिंग कराएंगे और कोरोना के लक्षण मिलने पर उन्हें आइसोलेट कर देंगे। जिनमें लक्षण नहीं मिलेंगे उसे सेल्फ क्वारंटाइन में रहने के लिए बोला जायेगा। वैसे ज्यादातर लोगों ने इसका पालन भी किया।

प्रोटोकॉल के अनुसार करते हैं काम

मंत्री से जब पूछा गया कि केरल हमेशा से रक्षा अधिकार की अग्रिम पंक्ति में रहा है, राज्य की सराहना भी की गई। तो मंत्री ने कहा कि हमारे अपने प्रोटोकॉल होते हैं, जो हम इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की गाइडलाइन के हिसाब से ही सेट करते हैं। हमने उन रिचर्स को दोबारा पढ़ा, जो इबोला, सार्स के दौरान आए थे। इसके बाद कुछ हेल्थ एक्सपर्ट ने मिलकर हमारे लिए गाइडलाइंस बनाई। कोरोना को लेकर जानकारी देने के लिए आशा वर्कर्स को लगातार ट्रेनिंग दी जा रही है।

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वहीं, कोरोना से संक्रमितों को भी ट्रेस किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने रैपिड टेस्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रैपिड टेस्ट यह पता लगाने के लिए अच्छा है कि क्या ये वायरस समुदाय में फैला हुआ है या नहीं। हालांकि, अगर ऐसे ज्यादातर टेस्ट की संख्या नेगेटिव आती है, तो सुरक्षा को लेकर गलत संदेश जाएगा।

1, 25,000 बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व

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स्वास्थ्य मंत्री ने आगे की तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमने केरल के अस्पतालों में 1, 25,000 बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व रखे हैं। साथ ही हम प्राइवेट अस्पतालों के बेड भी इसमें जोड़ सकते हैं। अगर हमें ज्यादा जरुरत पड़ती है तो हम स्कूलों और होटल में भी आइसोलेशन वार्ड बनाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने बताया कि हमारे पास अभी 5,000 ICU बेड हैं। जबकि अलग से 2500 वेंटिलेटर भी तैयार रखे गए हैं। इसके अलावा हमने इतने ही वेंटिलेटर ऑर्डर किए हैं, जो अगले दो हफ्ते में मिल जाएंगे।

60 हजार से ज्यादा का स्टाफ मौजूद

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि शुरुआत में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूप्मेंट (PPE) किट की कमी थी। और हमें एन95 मास्क भी नहीं मिल रहे थे। लेकिन, हमने ऑर्डर दे दिया है। आइसोलेशन वार्ड में काम करने वाले हर स्टाफ को ये किट मिल रहे हैं। फिलहाल हमारे पास पर्याप्त किट है। लेकिन अगर संक्रमितों की संख्या बढ़ती है तो किट की समस्या आ सकती है।

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हेल्थ स्टाफ के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने बताया कि हमारे पास स्टाफ में इस समय 60 हजार से ज्यादा लोग मौजूद हैं। इसमें आशा वर्कर्स, डॉक्टर्स, नर्सेज, नर्सिंग असिसटेंट, क्लीनिंग स्टाफ और अन्य लोग भी शामिल हैं। केके शैलजा ने बताया कि हम एक बार में सभी को फ्रंटलाइन में नहीं भेज सकते। हमने सेंकड और थर्ड लेयर बना रखी है। जब फ्रंट लाइन थक जाएगा, तब सेंकड लेयर आगे आकर जिम्मेदारी संभालेगा। फिर थर्ड लेयर की बारी आएगी।



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