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जानिए जेटली के बंगला नंबर 9 की कहानी, उनकी हर गाड़ी में क्यों होता था संख्या 6

अरुण जेटली के जीवन में दो संख्याओं का बहुत महत्व रहा है । पहली संख्या  6 और दूसरी संख्या 9 है । संख्या 6 उनकी हर गाड़ी में होता ही था । 6666 नंबर की गाड़ी अरुण जेटली की ही होगी, यह उन्हें करीब से जानने वाले समझते थे ।

SK Gautam
Published on: 25 Aug 2019 2:52 PM GMT
जानिए जेटली के बंगला नंबर 9 की कहानी, उनकी हर गाड़ी में क्यों होता था संख्या 6
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नई दिल्ली: पूर्व वित्तमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को एम्स में 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया था । जिसके बाद रविवार को निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया ।

हम आपको बता दें कि अरुण जेटली के जीवन में दो संख्याओं का बहुत महत्व रहा है । पहली संख्या 6 और दूसरी संख्या 9 है । संख्या 6 उनकी हर गाड़ी में होता ही था । 6666 नंबर की गाड़ी अरुण जेटली की ही होगी, यह उन्हें करीब से जानने वाले समझते थे ।

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2014 में वित्त मंत्री बनने से पहले 10 साल तक विपक्ष में रहते हुए उनके सरकारी आवास अशोक रोड पर स्थित बंगले का नंबर 9 था । यह बंगला पार्टी के कार्यालय 11 अशोक रोड के ठीक बगल में स्थित था ।

बंगले के 2 कमरों को ऑफिस बनाया था, जहां वे प्रेस ब्रीफिंग के बाद डी ब्रीफिंग करते थे

पार्टी की औपचारिक प्रेस ब्रीफिंग होने के बाद पत्रकार 9 नंबर स्थित अरुण जेटली के सरकारी आवास वहां डी ब्रीफिंग के लिए पहुंच जाते थे । पत्रकारों की दिलचस्पी प्रेस ब्रीफिंग से ज्यादा जेटली की डी ब्रीफिंग में होती थी क्योंकि बातचीत के दौरान ही वह प्रेस कॉन्फ्रेंस के कई एंगल से खबरों की व्याख्या या प्रोस्पेक्टिव देते थे । उनके पास ठोस आंकड़े, उदाहरण, तर्क और व्याख्या होती थी ।

यहीं फायर ब्रांड नेता कही जाने वाली उमा भारती का अरुण जेटली से मनमुटाव हुआ था

इसी कमरे से संसद में नोट के बदले वोट की रणनीति बनी थी । यही वह कमरा था, जहां फायर ब्रांड नेता कही जाने वाली उमा भारती का अरुण जेटली से मनमुटाव हुआ था । यही वह कमरा है जहां 2014 में उमा भारती ने जेटली से अपने मतभेदों को भुलाते हुए उन्हें गले लगा लिया था । 2008 में जब परमाणु समझौता सबसे अहम सियासी मुद्दा था, जेटली इसकी खामियों को दूर करने का तरीका बताते थे ।

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यही वह कमरा है जहां उस समय कानूनी पचड़े में फंसे अमित शाह, अरुण जेटली से बातचीत के लिए आते थे

यही वह कमरा है जहां उस समय कानूनी पचड़े में फंसे अमित शाह, अरुण जेटली से बातचीत के लिए आते थे । यही वह कमरा है जहां पर पार्टी के हर गंभीर समस्याओं के लिए रास्ते निकाले जाते थे । 2014 में जब जेटली वित्त मंत्री बने तो यह कमरा उन्होंने खाली कर दिया । उसके बाद पत्रकारों से या तो संसद भवन में स्थित अपने चैंबर में मिलते थे या फिर कैलाश अपने सरकारी आवास पर ।

बता दें कि पूर्व वित्तमंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को एम्स में 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया था । जिसके बाद रविवार को निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया ।

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इस मौके पर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मौजूद रहे ।

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