कभी मिले हैं आप बाबिया से, इकलौता शाकाहारी मगरमच्छ, लोग करते हैं चुंबन

जहां लोग मगरमच्छ के नाम सुनकर ही डरने लगते हैं, वहीं भारत में एक ऐसा भी राज्य है, जहां पर लोग मगरमच्छ को चुंबन करते हैं। ये मगरमच्छ दुनिया का इकलौता शाकाहारी मगरमच्छ है और यह किसी को नुकसान भी नहीं पहुंचाता है।

Shreya
Published on: 4 Feb 2021 11:20 AM GMT
कभी मिले हैं आप बाबिया से, इकलौता शाकाहारी मगरमच्छ, लोग करते हैं चुंबन
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दुनिया का इकलौता शाकाहारी मगरमच्छ, लोग करते हैं चुंबन

श्वेता पांडे

हमारा भारत अपने अद्भुत कहानियों और ऐतिहासिक स्मारकों के बारे में विश्व में जाना जाता है एक ऐसी ही कहानी भारत के केरल राज्य की है। जहां पर बाबिया है, जो एक मगरमच्छ है यह प्रसिद्ध अनंतपुरा झील मंदिर की रखवाली करता है। सबसे दिलचस्प बात ये है की यह मंदिर का स्थानीय संरक्षक है।

आपको बता दें की यह सिर्फ मंदिर का प्रसाद खाता है जो चावल और गुड़ से बना होता है और झील में मछलियों के साथ रहता है। यह किसी को नुकसान भी नहीं पहुंचाता है। यह 60 से अधिक वर्षों से मंदिर की रखवाली कर रहा है और वे उसके मुंह में प्रसाद डालकर उसे हाथी की तरह खिलाते हैं जो मंदिर के पुजारी खिलते हैं।

crocodile (फोटो- सोशल मीडिया)

क्या है बाबिया मगरमच्छ की कहानी?

एक बार भगवान विष्णु के भक्त श्री विलामंगलाथु स्वामी तपस्या कर रहे थे। उस वक्त स्वामी अपने तपस्या में लीन थे। जब भगवान कृष्ण एक छोटे से लड़के के रूप में प्रकट हुए और संत को परेशान करने लगे, बालक के इस व्यवहार से परेशान होकर संत ने कृष्ण को एक तरफ धकेल दिया। लड़का तुरंत पास की गुफा में गायब हो गया और फिर संत पर सच्चाई उतारी गई। कृष्ण के बारे में कहा जाता है कि वे आज भी मंदिर में अभी भी मौजूद हैं।

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Vegetarian crocodile (फोटो- सोशल मीडिया)

एक और कहानी बताती है कि 1945 में, एक ब्रिटिश सैनिक ने मगरमच्छ को गोली मार दी थी। बाद में, सर्पदंश से कुछ दिनों के भीतर सैनिक की मृत्यु हो गई। लोगों का मानना था कि यह नाग देवता अनंत का श्राप था। हालांकि, बाद में झील में एक और मगरमच्छ दिखाई दिया। ऐसा कहा जाता है कि, यदि एक मगरमच्छ मर जाता है, तो झील में एक और दिखाई देता है।

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कहा जाता है कि वे मंदिर में अभी भी मौजूद हैं। मगरमच्छ चुपचाप प्रवेश द्वार और मंदिर की रखवाली करता है। और यह भी मान्यता है कि यदि आप सच्ची श्रद्धा के साथ जाते है तो आप को बाबिया मगरमच्छ का दर्शन मिलेगा।

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