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जयललिता की संपत्ति: बना रखें हैं इतने करोड़, अब इन्हें मिला है हक
6 बार की तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता की कुल संपत्ति को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में दावेदार इस संपत्ति की कुल कीमत सबूतों के साथ प्रस्तुत नहीं कर सके।
तमिलनाडू की सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री अम्मा यानी जयललिता एक बार फिर चर्चा में हैं। अब आप सोचेंगे कि जयललिता को तो इस दुनिया को अलविदा कहे कई वर्ष बीत चुके हैं। फिर जयललिता चर्चा में कैसे बनीं हैं। तो हम यहां आपको बताते दें कि इस बार अम्मा यानि जयललिता के चर्चा में आने की वजह है उनकी संपत्ति। जिसका वारिस उनके भतीजे और भतीजी को माना जा रेहा है। ताजा ख़बरों की माने तो मद्रास हाईकोर्ट ने जयललिता की 900 करोड़ से ज़्यादा की चल अचल संपत्ति का वारिस उनके भतीजे और भतीजी को माना है। लेकिन जयललिता की पूरी सम्पत्ति को लेकर कोई सही आंकड़े नहीं हैं। साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि जयललिता की कुल संपत्ति को जानने व उसकी कीमत समझने के लिए एक पूरी ज़िंदगी भी कम पड़ सकती है।
भतीजे-भतीजी ने किया दावा
आज कल जयललिता की समाप्ति को लेकर आए दिन ख़बरें सामने आ रहीं है। और उनकी संपत्ति को लेकर दावे किए जा रहे हैं। लेकिन 6 बार की तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता की कुल संपत्ति को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में दावेदार इस संपत्ति की कुल कीमत सबूतों के साथ प्रस्तुत नहीं कर सके। जयललिता की संपत्ति के कानूनी वारिस उनके भतीजे और भतीजी माने गए हैं। उनके कानूनी वारिस जे दीपक और जे दीपा ने 188 करोड़ रुपए की संपत्ति का दावा किया, जबकि एआईएडीएमके के सदस्यों ने जयललिता की 913.14 करोड़ रुपए की कुल संपत्ति पर प्रशासन हासिल करने के लिए दावा किया।
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लेकिन सुनवाई के दौरान ये भी कहा गया कि इस संपत्ति की कुल कीमत 1 हज़ार करोड़ से ज़्यादा भी हो सकती है। कोर्ट में जो दावे प्रस्तुत किए गए, टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक ये आंकड़े सिर्फ उस संपत्ति के थे, जो 1991 से 1996 के दौरान जयललिता की संपत्ति से जुड़े थे। इसके बाद के 25 सालों में चल अचल प्रॉपर्टी कितनी बढ़ी, इसके बारे में सिर्फ अंदाज़े हैं। कोर्ट के फैसले के बाद दीपा और दीपक को जयललिता की प्रॉपर्टी पर क्लेम कर उसे अपने कब्ज़े में लेना है। लेकिन जयललिता की कुल प्रॉपर्टी को समझना उनके लिए बेहद मुश्किल काम साबित हो रहा है। ऐसे में जिस प्रॉपर्टी पर दीपा और दीपक दावा नहीं करेंगे, उस पर राज्य सरकार का अधिकार हो जाएगा।
इसलिए मुश्किल है जयललिता की संपत्ति को समझना
जयललिता तमिलनाडू की मुख्यमंत्री 14 साल से भी ज्यादा समय के लिए रहीं। ऐसे में जयललिता की कुल संपत्ति को समझने के लिए 2 तरीके हैं। पहला कि जब निगरानी और भ्रष्टाचार निरोधी संचालनालय ने जयललिता के खिलाफ आय के मुकाबले असंगत संपत्ति का मामला दर्ज कर जांच की थी और उस समय 66.65 करोड़ रुपए की संपत्ति पर सवालिया निशान लगाया था। तब डायरेक्टोरेट ने जयललिता की प्रॉपर्टीज़ की लिस्ट तैयार की थी। दूसरा तरीका ये है कि पूर्व सीएम ने कई चुनावों के दौरान जो घोषणा पत्र भरे थे, उनमें अपनी संपत्तियों का जो ब्यारो खुद उन्होंने दिया था। अब पीछे जा कर देखा जाए तो साल 1987 तक जयललिता ने अपनी कुल संपत्ति 7.5 लाख रुपए तक की घोषित की थी। इसके अलावा ज्वैलरी और 1 लाख रुपए कैश अलग था।
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इसके बाद 1991 में जयललिता ने घोषणा की कि 52 प्रॉपर्टी समेत कुल संपत्ति 2.02 करोड़ रुपए थी। 1996 में जब भ्रष्टाचार के आरोप उन पर लगे हुए थे, तब उन्होंने 9.34 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की थी। कर्ज, किराये व ब्याज से आय, कृषि से आय, हायर व ब्रोकरेज की रकम अलग से बताई थी। साथ ही, सीएम रहते हुए एक रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 27 महीनों की सैलरी भी इस घोषणा में बताई गई थी। जयललिता की संपत्ति को समझना काफी ही मुश्किल है।
गर्मियां बिताने के लिए जयललिता के पसंदीदा रिट्रीट कोडनाड एस्टेट की कीमत समझना बेहद मुश्किल है। कथित तौर पर नीलगिरी ज़िले में स्थित 900 एकड़ से ज़्यादा क्षेत्र में फैले इस एस्टेट को 1992 में जयललिता ने खरीदा था। तबसे अब तक इस टी एस्टेट का क्षेत्र बहुत बढ़ चुकने की खबरें भी हैं। ताज़ा मार्केट वैल्यू देखें तो एक करोड़ रुपए प्रति एकड़ की दर यहां लागू है। इसके दाखिल खारिज स्थिति को लेकर कई स्थितियां स्पष्ट नहीं हैं।
क्या हुआ जयललिता की 32 कंपनियों का
जयललिता मुख्यमंत्री के साथ साथ एक अच्छी उद्योगपति भी थी। उन्होंने अपने साथियों के साथ मिल कर 1991 से ही कई कंपनियां शुरू की थीं। इन सहयोगियों में जयललिता की सबसे ख़ास और भ्रस्टाचार के केसों में फंसी शशिकला भी शामिल थीं। लेकिन इन 32 कंपनियों का बाद में क्या हुआ? ये किसी को नहीं पता। इसके अलावा जयललिता पूरे देश में ज्वैलरी को लेकर एक समय तक काफी चर्चा में रहीं। जयललिता की सोने की ज्वैलरी की कीमत 1996 में साढ़े 5 करोड़ रुपए से ज़्यादा थी।
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साथ ही, चांदी, एफडी और अन्य शेयरों की कीमत तब 4 करोड़ रुपए तक थी। इस संपत्ति को हासिल करने के लिए भी दीपा और दीपक कोशिश कर रहे हैं, जो कर्नाटक सरकार ने ज़ब्त की हुई थी। जयललिता के कई कंपनियों में कई किस्म के रोल रहे और कई कंपनियां उन्होंने खुद शुरू की थीं या करवाई थीं। लेकिन, इस बारे में कभी पूरी तरह खुलासे नहीं हुए इसलिए ये कहा जाता है कि जयललिता की कुल संपत्ति एक रहस्य ही बनी रहेगी।