TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

15 अगस्त 2019: आजादी के दो दिन पहले कुछ ऐसा था माहौल

देश के आजादी के 73 साल पूरे होने वाले हैं। 15 अगस्त 1947 को आजादी का वो सपना पूरा हुआ जिसका सपना सजाए ना जाने कितनों की आंखे बंद हो गईं

Shreya
Published on: 13 Aug 2019 2:11 PM IST
15 अगस्त 2019: आजादी के दो दिन पहले कुछ ऐसा था माहौल
X
15 अगस्त 2019: आजादी के दो दिन पहले कुछ ऐसा था माहौल

देश के आजादी के 73 साल पूरे होने वाले हैं। 15 अगस्त 1947 को आजादी का वो सपना पूरा हुआ जिसका सपना सजाए ना जाने कितनों की आंखे बंद हो गईं और ना जाने कितने शहीदों के दिल की वो तमन्ना पूरी हुई जिसके लिए वो हंसते हंसते बलि चढ़ गये थे। मगर क्या आजादी के दो दिन पहले की कहानी आपको पता है? जब पूरे देश में बंटवारे से अफरातफरी का माहौल था।

यह भी पढ़ें: 15 अगस्त स्पेशल : वीर क्रांतिकारियों ने जेल में ही रच दिया था इस जोशीले गीत को

13 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिल गई थी और देश का बंटवारा हो रहा था। एक तरफ आजादी से सबके मन खिले हुए थे तो वहीं बिछड़ने के दर्द से सबके चेहरे मुरझाये हुए थे। भारत से मुस्लिम औरतें पाकिस्तान जा रहीं थीं तो पाकिस्तान से हिंदू, मुस्लिम और सिख परिवार भारत आ रहा था।

यह भी पढ़ें: 15 अगस्त 2019 : नार्थ कोरिया के तानाशाह के लिए भी खास है आजादी का ये दिन

एक तरफ देश में बंटवारा चल रहा था, मुस्लिम समुदाय ने ऩई दिल्ली से पाकिस्तान की ट्रेन पकड़ी और आजादी की नई राह की ओर बढ़ चली थीं। वहीं इस बंटवारे के बीच दंगे होने लगे। लोग एक-दूसरे पर हमला बोलने लगे। पाकिस्तान से भारत आ रही ट्रेन में आ रहे हिंदूओं की बोगियों से खून की नदियां बह रही थी और हर तरफ लाशें बिछी हुईं थी। वहीं भारत में भी मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा था।

जब लिए गए महत्वपूर्ण फैसले-

आजादी के दो दिन पहले तक त्रिपुरा भारत का हिस्सा नहीं था पर त्रिपुरा की महारानी कंचनाप्रवा देवी ने त्रिपुरा को भारत में शामिल करने का फैसला लिया और उन्होंने अपने हस्ताक्षर से इस विलय को पूरा कर दिया। जिसके बाद त्रिपुरा भारत का अंग बना।

उस वक्त तक भोपाल के नवाब ने भोपाल को भारत में न मिलाने के फैसले पर अडिग थे और भोपाल को एक आजाद राज्य के रुप में रखने की मांग रखी थी। वहीं हैदराबाद के निजाम ने भी हैदराबाद को स्वतंत्र रखने की मांग रखी थी।

इस दिन भारत ने एक अहम फैसला लिया था, जिसके अंतर्गत हिंदुस्तान ने सोवियत संघ के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया। जिसने आगे चलकर भारत को भरपूर मजबूती भी दी।

यह भी पढ़ें: आतंकी हमले पर अलर्ट जारी: बकरीद, रक्षा बंधन, 15 अगस्त पर ISIS की बड़ी साजिश



\
Shreya

Shreya

Next Story