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कोरोना वायरस : क्या है रेड और ग्रीन जोन, जानिए इसके बारे में
पूरी दुनिया कोरोना की वजह से लॉकडाउन है। इसका प्रकोप इस कदर है कि लोग इससे राहत पाने के लिए इंतजार कर रहे हैं। अभी तक तो कोई उम्मीद नहीं दिख रही है, लेकिन सरकार ने कोरोना और लॉकडाउन के बीच इससे राहत देने के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत देश को अब रेड, ऑरेंज और ग्रीन तीन जोन में बांट दिया है।
लखनऊ : पूरी दुनिया कोरोना की वजह से लॉकडाउन है। इसका प्रकोप इस कदर है कि लोग इससे राहत पाने के लिए इंतजार कर रहे हैं। अभी तक तो कोई उम्मीद नहीं दिख रही है, लेकिन सरकार ने कोरोना और लॉकडाउन के बीच इससे राहत देने के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत देश को अब रेड, ऑरेंज और ग्रीन तीन जोन में बांट दिया है। इसमें अलग-अलग राज्यों में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों को देखते हुए ऐसा किया जा रहा है। चीन के वुहान शहर को इसी तरह रेड, ऑरेंज और ग्रीन तीन जोन में बांटा गया था। ये जोन में बांटना राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से होता है। इससे लोगों को लॉकडाउन में कुछ राहत मिलती है।
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रेड जोन
कोरोना पॉजिटिव देश के हॉटस्पॉट रेड जोन के नाम से चिन्हित है, कोविड 19 के मामले इन इलाकों मे सबसे ज्यादा है और संक्रमण की ग्रोथ रेट यहां अधिक है। सरकार ने रेड जोन के तहत ही 170 जिलों को लिस्टेड किया है। इनमें 123 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना का कहर बरस रहा है। जबकि 47 हॉटस्पॉट जिलों को क्लस्टर्स में बांटा गया है। अब इन क्षेत्रों में सरकार डोर-टू-डोर सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
यलो(ऑरेन्ज ) जोन
वो इलाके जहां कुछ समय पहले में संक्रमण के सीमित मामले आए हैं। यहां सीमित एक्टिविटी जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट, खेती के उत्पादों की हार्वेंस्टिंग आदि के लिए ही परमिशन मिलेगी। छोटे एवं मध्यम उद्योग के तहत आने वाले सामान जैसे गेहूं का आटा, खाद्य तेल आदि के परिवहन के लिए भी यहां परमिशन होगी। हॉटस्पॉट जिलों में ऑरेन्ज जोन वे जिले होंगे जहां पिछले 14 दिनों में एक भी कोरोना पॉजिटिव का केस सामने नहीं आया है।
ग्रीन जोन
सरकार के अनुसार ग्रीन जोन वो इलाके जहां कोरोना के एक भी पॉजिटिव केस चिन्हित नहीं है। इन जिलों की लिस्ट के अलावा अन्य वे जिले जहां पिछले 28 दिनों से एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं आया है, उन्हें भी इस ग्रीन जोन की सूची में रखा गया है। इसमें कुछ सेक्टर को सरकार की योजना के अनुसार छूट दी जा सकती है, जैसे-आवश्यक सेवाएं, बिजनेस मूवमेंट आदि। शराब की दुकानों को खोला जाना राज्य सरकार के रेवेन्यू में बड़ी भूमिका निभा सकता है, ऐसे में इस जोन में इसे शामिल किया जा सकता है।
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रेड और ऑरेंज जोन
रेड और ऑरेंज जोन में अंतर ये है कि रेड जोन में वे इलाके हैं, जहां कोरोना के हॉटस्पॉट हैं। जबकि ऑरेंज जोन में कोई भी हॉटस्पॉट एरिया नहीं है। रेड जोन को भी दो भागों में बांटा गया है। रेड जोन में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां कोरोना का आउटब्रेक हुआ है। ऐसे जिलों की संख्या 123 है। इसके अलावा कुछ रेड जोन वाले जिले में कोरोना के बहुत सारे मरीज सामने आए हैं। वहां कलस्टर बन गए हैं। ऐसे जिलों की संख्या 47 हैं। इस तरह चिह्नित करके कोरोना सक्रंमित इलाकों को बांटा गया है। ताकि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को उन इलाकों में रोका जा सके, जहां पॉजिटिव केस एक भी नहीं हैँ। इससे बहुत हद तक अर्थव्यवस्था को भी ढर्रे पर लाने की कोशिश होगी।