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जानिए कौन हैं ग्रुप कैप्‍टन हरकीरत सिंह, जो होंगे राफेल के पहले कमांडिंग ऑफिसर

भारत में सबसे ज्यादा चर्चित राफेल के मुद्दे पर खबर आ रही है कि फ्रांस से 5 राफेल लड़ाकू विमान बुधवार को भारत के पंजाब अंबाला एयरबेस पर पहुंचेंगे।

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Published on: 28 July 2020 12:58 PM GMT
जानिए कौन हैं ग्रुप कैप्‍टन हरकीरत सिंह, जो होंगे राफेल के पहले कमांडिंग ऑफिसर
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नई दिल्ली: भारत में सबसे ज्यादा चर्चित राफेल के मुद्दे पर खबर आ रही है कि फ्रांस से 5 राफेल लड़ाकू विमान बुधवार को भारत के पंजाब अंबाला एयरबेस पर पहुंचेंगे। ऐसी खबर मिली है कि वायुसेना के बेड़े में इन्हें 15 अगस्तं के बाद ही शामिल किया जाएगा। वहीं हमारी भारतीय वायुसेना ने राफेल के स्वाेगत की पूरी तरह तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक खबर है कि राफेल स्क्वाड्रन के पहले कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टरन हरकीरत सिंह होंगे। ग्रुप कैप्टबन हरकीरत सिंह भारतीय वायुसेना के उन पायलटों में से एक हैं, जो फ्रांस से राफेल उड़ाकर भारत ला रहे हैं। आपको बता दे, हरकीरत सिंह मिग और सुखोई भी उड़ा चुके हैं।

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2009 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था

ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह को बहादुरी के लिए साल 2009 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। हरकीरत सिंह ने मिग 21 के इंजन में आई ख़राबी के बावजूद बड़ी बहादुरी से न केवल अपने को बचाया बल्कि मिग-21 को भी ज़्यादा नुकसान नहीं होने दिया। जानकारी के मुताबिक राफेल के लिए अभी तक कुल 15 से 17 पायलट पूरी तरह से ट्रेंड हो चुके हैं। खबर ये भी है कि अंबाला पहुंचने के हफ्ते भर में राफेल ऑपरेशन के लिए तैनात किए जा सकते हैं। 17 स्क्वाड्रन के 18 राफेल फाइटर के लिए तीस के करीब पायलट तैनात होंगे। राफेल के स्क्वाड्रन की देख-रेख के लिए 150 से 200 ग्राउंड स्टाफ को ट्रेंड किया गया है।

4 साल पहले राफेल की हो गयी दी डील

फ्रांस से पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था सोमवार को रवाना हुआ। 36 राफेल विमान खरीदने के लिए चार साल पहले फ्रांस के साथ भारत ने वायुसेना के लिए 59 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था। अधिकारियों ने बताया कि, फ्रांस के बंदरगाह शहर बोर्डेऑस्क में मैरीग्नेक वायुसेना अड्डे से रवाना हुए ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके बुधवार को अंबाला वायुसेना अड्डे पर पहुंचेंगे। बीच में यह विमान फिलहाल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल दाफरा हवाईअड्डे पर रुके हैं।''

तीन राफेल एक सीट वाले और दो विमान दो सीट वाले हैं

फ्रांस में भारतीय राजदूत जावेद अशरफ ने भारतीय वायुसेना के पायलटों से कहा, 'आप इन्हें (राफेल को) बेजोड़ और बलवान दोनों कह सकते हैं।' अधिकारियों ने कहा कि सभी पांच राफेल विमान करीब सात घंटे की उड़ान के बाद यूएई के अल दाफरा हवाईअड्डे पर सुरक्षित उतरे। भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि इस जत्थे में तीन एक सीट वाले और दो विमान दो सीटों वाले हैं। जब औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में उसके 17वें स्क्वाड्रन के तौर पर शामिल किया जाएगा जिसे 'गोल्डन ऐरो' भी कहा जाता है।

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पेरिस में रह रहे भारतीय दूतावास ने में कहा, '10 विमानों की आपूर्ति समय पर पूरी हो गई है और इनमें से पांच विमान प्रशिक्षण मिशन के लिए फ्रांस में ही रुकेंगे। सभी 36 विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाएगी।' वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि, विमानों में उड़ान के दौरान हवा में ही ईंधन भरा गया। इस काम में फ्रांसीसी वायु सेना के समर्पित टैंकर की मदद ली गई। वायुसेना ने एक बयान में कहा, 'विमानों के 29 जुलाई को अंबाला में वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचने की संभावना है अगर मौसम (परिस्थितियां) सही रहता है तो।'

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