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इसलिए पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे, आगे होने वाली है हालत खराब

तेल बाजार के एक्सपर्ट्स के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतों में 26 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है। अगले दो महीने में क्रूड ऑयल 56 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है।

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Published on: 10 Dec 2020 11:32 AM GMT
इसलिए पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे, आगे होने वाली है हालत खराब
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इसलिए पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे, आगे होने वाली है हालत खराब (PC: social media)

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल दो साल की रिकॉर्ड कीमतों पर बिक रहा है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर ईंधन के दाम ऐसे ही बढ़ते रहे तो जनवरी आते आते पेट्रोल 100 रुपये लीटर के पार चला जाएगा।

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दरअसल, कच्चा तेल का भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार बढ़ रहा और इसी वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आग लगी हुई है। अक्टूबर में कच्चा तेल 35.79 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। नवंबर आते-आते ये 45.34 डॉलर प्रति बैरल पर बिकने लगा। अगर इसकी रफ्तार ऐसे ही जारी रही तो निश्चित तौर पर पेट्रोल की कीमतें 100 रुपए के पार चली जाएंगी।

कच्चे तेल की कीमतों में 26 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है

तेल बाजार के एक्सपर्ट्स के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतों में 26 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है। अगले दो महीने में क्रूड ऑयल 56 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है। इसकी वजह आर्थिक गतिविधियाँ खुलने और ट्रांसपोर्ट सिस्टम में तेजी आना है। एक्सपर्ट्स का ये भी कहना हैं कि कोरोना वैक्सीन अगर अगले साल के शुरुआत में मार्केट में आ जाती है तो उससे आर्थिक रिकवरी तेज होगी और कच्चे तेल की मांग बढ़ेगी। इसीलिए कच्चे तेल के दामों में तेजी आई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रेंट क्रूड के दाम 9 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।

एक कारण सरकार का आर्थिक प्रबंधन है। चूँकि टैक्स कलेक्शन बहुत घटा है सो राजस्व बढाने के लिए ईंधन बहुत बड़ा सहारा हो जाता है। मौजूदा वक़्त में टैक्स के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष स्रोत लगभग ख़त्म हो गए हैं, ऐसे में पेट्रोल-डीज़ल पर लगने वाले टैक्स को बढ़ाकर आर्थिक प्रबंधन ठीक करने की कोशिश की जा रही है।

कैसे घटेंगी कीमतें

अगर केंद्र सरकार और राज्यों अपने अपने टैक्स घटा दें तभी कीमतों को नीचे लाया जा सकता है। इस साल कोरोना काल में केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में दो बार इजाफा किया है जिससे पेट्रोल पर 17 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 16 रुपए लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ चुकी है। इसके अलावा राज्य वैट लगाते हैं। सो टैक्स का बोझ ही काफी बना हुआ है।

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पेट्रोल पर 2014 में एक्साइज ड्यूटी महज 9.48 रुपए प्रति लीटर थी, जो 2020 तक बढ़कर 32.9 रुपए प्रति लीटर हो चुकी है। डीजल पर 2014 में 3.56 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती थी, अब यह 31.83 रुपए प्रति लीटर हो चुकी है। जहाँ तक वैट की बात है तो दिल्ली में ये पेट्रोल पर 30 फीसदी और डीजल पर 16.75 फीसदी है।

रिपोर्ट- नीलमणि लाल

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