Raja Bhaiya Divorce: राजा भैया से तलाक के बाद क्या पत्नी भानवी कुमारी को लौटानी होगी सारी सम्पत्ति? 23 मई को होगा रिश्ते का फैसला

Raja Bhaiya Divorce Hearing: राजा भैया के तलाक की सुनवाई सोमवार को टल गई है। जज की अनुपस्थिति के चलते सुनवाई नही हुई।

Snigdha Singh
Published on: 10 April 2023 11:57 AM GMT (Updated on: 10 April 2023 3:29 PM GMT)
Raja Bhaiya Divorce: राजा भैया से तलाक के बाद क्या पत्नी भानवी कुमारी को लौटानी होगी सारी सम्पत्ति? 23 मई को होगा रिश्ते का फैसला
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Image: Social Media

Raja Bhaiya Divorce: प्रतापगढ़ कुंडा के विधायक राजा भैया और रघुराज प्रताप सिंह ने रविवार को तलाक की अर्जी दी थी। सोमवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन जज की अनुपलब्धता के चलते मामले में सुनवाई टली। इसके साथ ही और उनकी पत्नी भानवी सिंह ने जवाब दखिल करने के लिए समय मांगा है। सुनवाई दिल्ली के साकेत कोर्ट में होनी थी। साकेत कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 23 मई को होगी।

राजा भइया ने रविवार को दिल्ली के साकेत कोर्ट में तलाक की अर्जी दी थी। मामले की सुनवाई आज यानि सोमवार को होना तय हुई थी। लेकिन सोमवार को साकेत के पारिवारिक न्यायालय के जज की अनुपस्थिति की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी है। अगली सुनवाई 23 मई को होगी है। वहीं, राजा भैया की पत्नी भानवी कुमारी ने अपना जवाब दाखिल करने का वक्त मांगा है। मालूम हो कि दोनों के बीच पिछले करीब दो सालों से अनबन चल रही है। वह प्रतापगढ़ छोड़कर दिल्ली में रहती हैं। ये अफवाह उस वक्त सही साबित हुई जब भानवी कुमारी ने भैया के छोटे भाई अक्षय प्रताप पर जमीन हड़पने का मुकदमा दर्जा करा दिया।

क्या हैं तलाक के नियम

हिंदू मैरिज एक्ट में शादी के अलावा तलाक का भी प्रावधान किया गया है। वर्ष 1976 तक इसमें आपसी सहमति से तलाक की व्यवस्था नहीं थी, लेकिन इसकी जरूरत समझे जाने के बाद 1976 में एक संशोधन किया गया। इस एक्ट में धारा 13 में सब-सेक्शन जोड़कर सहमति से तलाक की व्यवस्था की गई। इसमें आपसी सहमति से तलाक के लिए सबसे अनिवार्य शर्त का जिक्र किया गया है। शर्त ये है कि जब दोनों पार्टनर को साथ रहना असंभव लगने लगे तो एक साल या उससे अधिक समय तक एक-दूसरे से अलग रह सकते हैं और फिर तलाक के लिए आवेदन कर सकते हैं।

पहली पत्नी अपने पति की स्व-अर्जित संपत्ति पर दावा कर सकती है, जिसे पहली शादी के दौरान खरीदा गया था, भले ही दोनों तलाक लेने का फैसला करें। यदि संपत्ति पहली पत्नी और पति के नाम पर पंजीकृत है, तो अदालत हरेक पक्ष द्वारा किए गए योगदान का फैसला करेगी और तलाक के समय संपत्ति का उसी के अनुसार बँटवारा करेगी। ऐसे ही यदि राजा भइया के सम्पत्ति पर मालिकाना हक भानवी कुमारी का भी है तो सम्पत्ति उनकी भी रहेगी।

Snigdha Singh

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