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चीन ने मांगा समय: भारत के फैसलों से घबराया तो आई राजनाथ सिंह की याद...
भारत की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया है। लद्दाख में जारी सैन्य तनाव के बीच चीन के रक्षा मंत्री ने रूस में शंघाई शिखर सहयोग संगठन की बैठक से इतर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात का समय मांगा है।
नई दिल्ली: चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे ने अपने समकक्ष भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ शुक्रवार को बैठक के लिए समय मांगा है। हालांकि अभी तक भारत की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया है। लद्दाख में जारी सैन्य तनाव के बीच चीन के रक्षा मंत्री ने रूस में शंघाई शिखर सहयोग संगठन की बैठक से इतर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात का समय मांगा है।
शुरुआत में विवाद
उन्होंने बताया कि मई की शुरुआत में विवाद के बाद ऐसा तीसरी बार है जब चीन के रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह के बैठक के लिए समय मांगा है। चीन के इस अनुरोध पर भारतीय पक्ष की तरफ से जवाब दिया जाना अभी बाकी है।
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भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ को
जब भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो में 5 दिन पहले चीन सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ को नाकाम करते हुए उस ऊंचाई वाले क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर विदेश मंत्रियों के शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए 10 सितंबर को रूस की राजधानी मॉस्को जाएंगे।
यूनाइटेट स्टेट्स-इंडिया स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम की तरफ से नई चुनौतियों पर एक सेमिनार के दौरान बोलते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत चीन और पाकिस्तान दोनों सेनाओं के ‘समन्वित कार्रवाई’ से नॉर्दर्न और वेस्टर्न सीमाओं पर एक साथ खतरा बताया। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय सेना इस संयुक्त खतरे की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है।
हथियारों की आपूर्ति
अधिकारियो ने बताया कि राजनाथ सिंह के साथ उनके समकक्षीय रूसी रक्षा मंत्री जरनल सर्गेई शवोगु की बैठक के दौरान रूस ने गुरुवार को इस बात को दोहराया कि वह पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति नहीं करेगा।
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द्विपक्षीय सहयोग
रूस के रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह को विश्वास दिलाया कि वह भारत की सुरक्षा हितों के साथ खड़े हैं। द्विपक्षीय सहयोग को लेकर करीब एक घंटे की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा के दौरान रूस ने कहा कि वह रक्षा क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर होने की मकसद से शुरू किए गए मेक इन इंडिया का मजबूती से समर्थन करता है।
इधर चीन की नरमी और बात करने के लिए समय की मांग को देखकर सीमा विवाद जल्द सुलझने की उम्मीद जगी है।