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चीन के खिलाफ बड़ी कूटनीतिक कामयाबी, भारत ने इन दो बड़े देशों को भरोसे में लिया

भारत ने सीमा विवाद को हल करने के लिए अब तक किए गए प्रयासों से अपने पुराने मित्र देश रूस और रणनीतिक साझीदार अमेरिका को भरोसे में लिया है।

Shivani Awasthi
Published on: 9 Jun 2020 4:22 AM GMT
चीन के खिलाफ बड़ी कूटनीतिक कामयाबी, भारत ने इन दो बड़े देशों को भरोसे में लिया
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के बाद भारत ने चीन की कूटनीतिक घेरेबंदी तेज कर दी है। भारत सैन्य मोर्चे के साथ ही कूटनीतिक मोर्चे पर भी चीन को जवाब देना चाहता है। भारत ने सीमा विवाद को हल करने के लिए अब तक किए गए प्रयासों से अपने पुराने मित्र देश रूस और रणनीतिक साझीदार अमेरिका को भरोसे में लिया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि भारत ने अब तक के घटनाक्रम और इस विवाद को हल करने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में दुनिया के इन दो बड़े देशों को पूरी जानकारी दी है।

सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मामले में मध्यस्थता का प्रस्ताव किया था। भारत और चीन दोनों देशों ने ट्रंप के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। बाद में ट्रंप के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने उन्हें इस बात की जानकारी दी थी कि भारत और चीन के बीच विवादों को निपटाने के लिए मैकेनिज्म है और इसी के तहत दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है।

भारत की कूटनीतिक कवायद

जानकार सूत्रों का कहना है कि हाल के महीनों में भारत देश में हुए सभी बड़े घटनाक्रमों से अपने मित्र देशों को अवगत कराता रहा है। कश्मीर में धारा 370 समाप्त होने के बाद भी भारत ने बड़े स्तर पर कूटनीतिक कवायद करते हुए कई देशों को भरोसे में लिया था। भारत की कूटनीतिक कवायद के चलते ही पाकिस्तान के दुष्प्रचार का एजेंडा पूरी तरह फेल हो गया था।

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मित्र देशों का भरोसा जीतने की कोशिश

सूत्रों के मुताबिक चीन के साथ भारत के सीमा विवाद पर दुनिया के कई देशों की निगाह है। इसलिए भारत की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में इन देशों को लगातार अपडेट किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक भारत विभन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर मित्र देशों का भरोसा हासिल करने की रणनीति पर चल रहा है।

कई राउंड की बातचीत बेनतीजा

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तरों पर बातचीत हो चुकी है। हालांकि कई राउंड की बातचीत के बाद भी अभी तक इस विवाद को सुलझाया नहीं जा सका है। दोनों देश तनाव कम करने और विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से समझाने के लिए रास्ता तलाशने पर सहमत हुए हैं। दोनों देशों ने इस विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत जारी रखने का फैसला किया है।

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इस तरह हुई विवाद की शुरुआत

पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच विवाद की शुरुआत उस समय हुई थी जब भारत ने इस इलाके में एक महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण शुरू किया और चीन उसका विरोध करने लगा। चीन ने वहां पर अपने काफी सैनिकों की तैनाती कर दी है और हथियार भी जमा कर रखे हैं। मई के पहले हफ्ते में दोनों देशों के सैनिकों के बीच इलाके में झड़प भी हुई थी। चीन के लड़ाकू विमान भी सीमावर्ती इलाकों के आसपास मंडराते देखे गए हैं। इससे पहले 2017 में डोकलाम में भी भारत और चीन के सैनिकों के बीच 73 दिनों तक गतिरोध चला था और दोनों देशों के बीच इसे लेकर युद्ध की आशंका तक पैदा हो गई थी।

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Shivani Awasthi

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