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भारतीय सेना हुई मजबूत: बड़े से बड़ा हथियार भी फेल, आ गया आर्कटिक टेंट

बीते काफी समय से भारत और चीन के तनातनी जारी है, लेकिऩ अब ये तनाव लद्दाख को लेकर कम होता दिखाई दे रहा है। इस दौरान जमा देने वाली ठंड का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना ने कड़े इंतजाम करना शुरू कर दिया है।

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Published on: 4 Aug 2020 6:35 PM IST
भारतीय सेना हुई मजबूत: बड़े से बड़ा हथियार भी फेल, आ गया आर्कटिक टेंट
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नई दिल्ली। बीते काफी समय से भारत और चीन के तनातनी जारी है, लेकिऩ अब ये तनाव लद्दाख को लेकर कम होता दिखाई दे रहा है। इस दौरान जमा देने वाली ठंड का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना ने कड़े इंतजाम करना शुरू कर दिया है। सेना ऐसे टेंट लगा रही है, जिसके अंदर तूफानी रफ्तार वाली ठंडी हवाओं के बीच भी सैनिक सुरक्षित रह सकें। इन बेहद गजह तरह के टेंट को आर्कटिक टेंट कहा जाता हैं।

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आर्कटिक टेंट

पूर्वी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी और देपसांग के हाल देखें तो यहां पर चीन ने 17000 से भी ज्यादा सैनिक तैनात कर रखे हैं। इसके साथ में हथियार और बख्तरबंद वाहन भी हैं। इसके जवाब में भारत ने भी सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है, जो चीन को टक्कर देने वाली है।

भारतीय सेना सर्दियों के मौसम के लिए भी इन्सुलेटेड कैंप बनाने में जुटी हुई है, मतलब ये वे जगह, जहां का तापमान नियंत्रित रह सकें। आपको बता दें कि लद्दाख में ठंड में तापमान -30 से -40 डिग्री सेंटिग्रेट तक भी चला जाता है।

ऐसे में यहां रहने वाला इंसान भारी और कितनी ही लेयर वाले कपड़े क्यों न पहने जाएं, आंधी-तूफान में किसी काम के नहीं रह जाते। यही देखते हुए सेना वहां आर्कटिक टेंट लगाने जा रही है। इसकी कई खासियतें हैं लेकिन जैसा नाम से समझ आ रहा है, इसका सबसे प्रमुख काम सर्दी से बचाना है।

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टेंट की खासियत इसका फैब्रिक

बेहद खास इस टेंट को आर्कटिक ओवन टेंट भी कहते हैं। सन् 1987 में बर्फीले इलाकों में कैंपिंग के साथ सैनिकों के लिए तैयार किए गए इन टेंट की खासियत इसका फैब्रिक है।

वेपेक्स नाम के मटेरियल बना कुछ ऐसा होता है कि टेंट से बाहर भारी बारिश के साथ बर्फबारी भी हो रही हो तो भी अंदर के तापमान को सूखा रखता है। इसके साथ ही अंदर की नमी भी बनाए रखता है जिससे सांस लेने में कोई समस्या न हो।

साथ ही खराब मौसम के लिए आर्कटिक टेंट में स्टोरेज की भी व्यवस्था है। वहां सैनिक राशन से लेकर हथियार और अपनी जरूरत की सारी चीजें रख सकते हैं। ऐसे में अगर तूफानी मौसम हो तो किसी को एक से दूसरी जगह जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

इन आर्कटिक टेंट के साथ-साथ प्री-फैब्रिकेटेड झोपड़ीनुमा स्ट्रक्चर बनाए जाने की भी तैयारी है। ये prefab भी कहलाते हैं। दरअसल ये टेंट की तरह ही होते हैं लेकिन सारे मौसमों के लिए हैं। इन्हें असेंबल करके बनाया जाता है और इनके अंदर रहने के लिए सारे इंतजाम होते हैं। इनमें कोई परेशानी नहीं होती है।

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