×

LAC पर गोला-बारूद: भारतीय सेना ने अब युद्ध की तैयारी की तेज, पहुंच रहे हथियार

लद्दाख और कश्मीर बॉर्डर पर लगातार बिगड़ते हालातों को देखते हुए सेना के लिए ये बड़ा फैसला लिया गया है। ऐसे में युद्धक सामानों के ज्यादा स्टोरेज से सेना को अपना रिजर्व बढ़ाने में काफी सहायता मिलेगी।

Newstrack
Published on: 14 Dec 2020 8:02 AM GMT
LAC पर गोला-बारूद: भारतीय सेना ने अब युद्ध की तैयारी की तेज, पहुंच रहे हथियार
X
अब अदृश्य होकर चीन का सामना करेंगे भारतीय सैनिक

नई दिल्ली: भारत सीमा पर भीषण युद्ध की जबरदस्त तैयारियों में लगा हुआ है। महासंग्राम के लिए सेना अब 15 दिन तक का गोला-बारूद इकट्ठा करके रख सकती है। बता दें, पहले ये सिर्फ 10 दिन के लिए अनुमादित था, लेकिन सीमा पर तनाव के लगातार बढ़ने की वजह से भारतीय सेना ने अब युद्ध की तैयारियों को पहले की अपेक्षा कई गुना बढ़ा दिया है। भारतीय सेना वैसे तो दो मुहाने पर संघर्ष की तैयारी काफी टाइम से कर रही थी, लेकिन इस बीच सेना को इस बारे में गंभीरता से तैयारी करने को कहा गया है।

ये भी पढ़ें...आतंकी का बेटा IAS बने: ऐसा क्यों चाहता है ये, सेना की बात मान छोड़ी बंदूक

सेना के लिए ये बड़ा फैसला

लद्दाख और कश्मीर बॉर्डर पर लगातार बिगड़ते हालातों को देखते हुए सेना के लिए ये बड़ा फैसला लिया गया है। ऐसे में युद्धक सामानों के ज्यादा स्टोरेज से सेना को अपना रिजर्व बढ़ाने में काफी सहायता मिलेगी। इसके अलावा टू फ्रंट वार की स्थिति में गोला बारूद की जरूरतों में सामंजस्य बिठाने में मदद मिलेगी।

सामने आए सरकारी सूत्रों से जानकारी मिली है कि भारतीय सेना को हथियारों और गोला बारूद के संग्रह को बढ़ाकर अब 15 दिन तक कर दिया गया है। अब इसका मतलब ये है कि अब भारतीय सेना को 15 दिन के सघन युद्ध की तैयारी की स्थिति में रहना है। जबकि पहले ये तैयारी 10 दिन की होती थी।

indian army फोटो-सोशल मीडिया

ये भी पढ़ें... LOC पर आतंकी हमले को तैयार, पुराने रास्तों पर तैनात सेना हाई-अलर्ट पर

संग्रह करने में बढ़ोतरी की इजाजत

ऐसे में सेना को मिली इस इजाजत के बाद से सेना की वित्तीय शक्ति में भी बढ़ोतरी हुई है। जिससे अब सेना बजट के अंदर हर खरीद के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है। युद्ध के साजो-सामान संग्रह करने में बढ़ोतरी की इजाजत कुछ दिन पहले मिली है।

आपको बता दें, उरी हमले के बाद ये महसूस किया गया था कि भारतीय सेना का युद्ध भंडार कम है। इसके बाद तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के वाइस चीफ की वित्तीय शक्ति को 100 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ कर दिया था।

ये भी पढ़ें... नौसेना का दमदार युद्धपोत: रडार से बचने में होगा सक्षम, आज हो रहा लॉन्च

Newstrack

Newstrack

Next Story