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कभी इन दो राज्यों में सामने आए थे सबसे ज्यादा कोरोना के केस, फिर ऐसे पाया काबू

भारत के कई हिस्सों में कोरोना वायरस जहां तेजी के साथ पांव पसार रहा है। वही देश के कई इलाके ऐसे भी हैं जो कोरोना वायरस के केस अब कम होना शुरू हो गया है। उनमें दिल्ली मुंबई जैसे वे बड़े शहर भी शामिल हैं। जहां पहले कोरोना के केस बड़ी संख्या में पाए गये थे।

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Published on: 28 July 2020 9:55 AM IST
कभी इन दो राज्यों में सामने आए थे सबसे ज्यादा कोरोना के केस, फिर ऐसे पाया काबू
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नई दिल्ली: भारत के कई हिस्सों में कोरोना वायरस जहां तेजी के साथ पांव पसार रहा है। वही देश के कई इलाके ऐसे भी हैं जो कोरोना वायरस के केस अब कम होना शुरू हो गया है। उनमें दिल्ली मुंबई जैसे वे बड़े शहर भी शामिल हैं। जहां पहले कोरोना के केस बड़ी संख्या में पाए गये थे।

सोमवार को देश में नए कोरोना केस का आंकड़ा 50 हजार के करीब जा पहुंचा। लेकिन राहत की खबरें आई देश के दो बड़े महानगरों दिल्ली और मुंबई से। यहां कोरोना के मामले घट रहे हैं।

सबसे पहले अगर हम बात दिल्ली की करे तो देश की राजधानी में पहली बार कोरोना के केस में काफी गिरावट देखने को मिली है। केस की घटती संख्या से यहां की सरकार और जनता दोनों ने ही राहत की सांस ली है।

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23 जून को दिल्ली में नए केस की तादाद 3947 थी। एक महीने से ज्यादा वक्त के बाद सोमवार यानी 27 जुलाई को नए केस की तादाद रही सिर्फ 613 रह गई।

कोरोना काबू में आने के संकेत के बाद दिल्ली सरकार ने स्पेशल ऑर्डर जारी करके हॉकर्स और रेहड़ी-पटरी वालों को भी काम करने की छूट दे दी है। हालांकि वीकली बाजारों पर अभी रोक रहेगी।

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली में हालात काबू में आ रहे हैं। जानकार कहते हैं कि हो सकता दिल्ली में हो सकता है कि पीक गुजर गया हो। एक और राहत की बात ये है कि दिल्ली में रिकवरी रेट देश में सबसे शानदार 88.68 फीसदी हो चुका है और एक्टिव केस की तादाद 10,994 रह गई है।

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मुंबई में भी कम हो रहे हैं नए कोरोना केस

उधर दिल्ली की तरह ही मुंबई में भी रोजाना नए केस आना कम हो गये हैं। महाराष्ट्र में भी हालात धीरे-धीरे सुधरने की दिशा में बढ़ रहे है। महाराष्ट्र में कुल केस तीन लाख 83 हजार 723 है। इनमें मुंबई का हिस्सा 1 लाख 10 हजार के करीब है।

ये हिस्सेदारी करीब 29 फीसदी है जबकि अप्रैल के आखिर में महाराष्ट्र के 67 फीसदी मामले सिर्फ मुंबई से थे। यानी मुंबई में भी हालात काबू में आने लगे हैं। सोमवार को मुंबई में नए कोरोना केस 1021 दर्ज किए गए।

कोरोना से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं: डॉ. रेहान अहमद

अवधनगरी के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर रेहान अहमद का कहना है कि कोरोना वायरस से ना तो किसी को डरना है और ना ही किसी को डराना है। बल्कि इससे बचाव के लिए लोगों को अपनी इम्युनिटी को बढ़ाना होगा।

उन्होंने लोगों से कोरोना से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करने की अपील भी की है। डॉक्टर रेहान का कहना है यदि किसी को खांसी अथवा हल्का बुखार होता है तो इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि फोन पर ही चिकित्सक को संपर्क करने की आवश्यकता है। जब बुखार अत्यधिक तेज हो व साथ में सूखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

बचाव और सावधानी आवश्यक

उनका कहना है कि हर बुखार कोरोना नहीं है परंतु इस समय बचाव और सावधानी आवश्यक है। कोरोना युवाओं को नहीं हो सकता है तथा यह केवल बुजुर्गों एवं बच्चों को प्रभावित करता है यह तथ्य कतई उचित नहीं है। कोरोनावायरस से किसी भी उम्र का वयक्ति संक्रमित हो सकता है इसलिए इससे सभी को बचकर रहने की आवश्यकता है।

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ऐसे लोगों को विशेष सावधान रहने की आवश्यकता

उनका कहना है कि बुजुर्ग तथा बच्चों को एवं कमजोर सेहत वाले लोगों को व जिनको पहले से कुछ बीमारियां हैं उन्हें विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है। युवा इससे प्रभावित हो सकते हैं परंतु रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होने कारण वे शीघ्र स्वस्थ भी हो जाते हैं।

उनका कहना है कि अस्थमा डायबिटीज हृदय रोग के रोगियों व सिगरेट शराब का सेवन करने वाले लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है। डॉ. रेहान का कहना है की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना से बेहतर तरीके से लड़ा जा सकता है। उससे होने वाले प्रभावों को कम किया जा सकता है।



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