TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

मन की बात में बोले PM मोदी- कोरोना काल में परिवारों ने एक साथ रहना सीखा

कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संक्रमण समेत अलग-अलग मुद्दों पर बात की।

Shivani
Published on: 27 Sept 2020 11:39 AM IST
मन की बात में बोले PM मोदी- कोरोना काल में परिवारों ने एक साथ रहना सीखा
X

नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संक्रमण समेत अलग-अलग मुद्दों पर बात की। उन्होंने भारत में कहानियों के महत्व का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, 'कहानियों का इतिहास उतना ही पुराना है, जितनी मानव सभ्यता. कहानी की ताकत महसूस करना हो तो किसी मां को अपने बच्चों को खाना खिलाते वक्त कहानियां सुनाते हुए सुनें।'

पीएम मोदी का 'मन की बात' में संबोधन

-कोरोना के इस कालखंड में पूरी दुनिया अनेक परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है।

आज, जब दो गज की दूरी एक अनिवार्य जरूरत बन गई है, तो इसी संकट काल ने, परिवारों के सदस्यों को आपस में जोड़ने और करीब लाने का काम भी किया है हमें, जरुर एहसास हुआ होगा कि हमारे पूर्वजों ने जो विधायें बनाई थी, वो आज भी कितनी महत्वपूर्ण हैं और जब नहीं होती हैं तो कितनी कमी महसूस होती है।

pm modi

ये भी पढ़ें -फ्लाइट ट्रेवल में बड़े बदलाव: उड़ान भरने से पहले जान लें ये जरुरी बात

हर परिवार में कोई-न-कोई बुजुर्ग, बड़े व्यक्ति परिवार के, कहानियाँ सुनाया करते थे और घर में नई प्रेरणा, नई ऊर्जा भर देते हैं। कहानियां, लोगों के रचनात्मक और संवेदनशील पक्ष को सामने लाती हैं, उसे प्रकट करती हैं।

कहानी की ताकत को महसूस करना हो तो जब कोई मां अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए या फिर उसे खाना खिलाने के लिए कहानी सुना रही होती हैं। मैं अपने जीवन में बहुत लम्बे अरसे तक एक परिव्राजक के रूप में रहा। घुमंत ही मेरी जिंदगी थी। हर दिन नया गाँव, नए लोग, नए परिवार।

कहानी का महत्व

-भारत में कहानी कहने की, या कहें किस्सा-कोई की, एक समृद्ध परंपरा रही है। हमारे यहां कथा की परंपरा रही है। ये धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति है।

ये भी पढ़ें- भड़की भयानक हिंसा: जगह-जगह आगजनी, पुलिस फायरिंग में एक की मौत

-मैं कथा सुनाने वाले सभी से आग्रह करूंगा कि क्या हम हमारी कथाओं में पूरे गुलामी के कालखंड की जितनी प्रेरक घटनाएं हैं, उनको कथाओं में प्रचारित कर सकते हैं। विशेषकर, 1857 से 1947 तक, हर छोटी-मोटी घटना से, अब हमारी नयी पीढ़ी को कथाओं के द्वारा परिचित करा सकते हैं।

जमीन से जुड़ा शख्स बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता

-हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है , वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है।

-देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नीवं मजबूत होगी।बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है।

-हरियाणा के एक किसान भाई में मुझे बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी। लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shivani

Shivani

Next Story