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देश के कई राज्यों पर इस हमले का खतरा, बचाव के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम

देश इस समय 27 साल के सबसे बड़े और खातरनाक टिड्डियों के हमले को झेल रहा है। जिससे देश के अन्नदाता यानी किसानों की हालत खराब कर दी है।

Aradhya Tripathi
Published on: 29 May 2020 5:59 AM GMT
देश के कई राज्यों पर इस हमले का खतरा, बचाव के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम
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पूरे देश में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है। देश में इस वायरस के चलते रोज कई हजार लोगों इ जन जा रही है। साथ ही इस वायरस ने देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर रखा है। लेकिन भारत अभी एक समस्या से निपट भी नहीं पाया था कि देश के सामने एक और विकट समस्या ने जन्म ले लिया है। भारत में इस समय कोरोना वायरस के साथ साथ टिड्डियों के हमले ने देश में आतंक मचा रखा है। इन टिड्डियों के हमले के चलते देश में किसानों की हालत खराब है। टिड्डियों के इस हमले ने भारत के अब तक कई राज्यों में फसलों की भयंकर बर्बादी की है। इस हमले का प्रकोप अब देश के और भी राज्यों में पहुंच रहा है।

देश में जारी टिड्डियों का हमला

देश इस समय वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के साथ-साथ पिछले 27 साल के सबसे बड़े और खातरनाक टिड्डियों के हमले को झेल रहा है। जिससे देश के अन्नदाता यानी किसानों की हालत खराब कर दी है। टिड्डियों के हमले अब तक राजस्थान, पंजाब, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में भयंकर बर्बादी की है। सरकार की ओर से इस हमले से निपटने के लाख प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन देश में अब तक इनके हमले पर ओई अंकुश नहीं लगाया जा सका है। आने वाले दिनों में टिड्डियों का ये हमला और भी खतरनाक हो सकता है और देश के और राज्यों में भी ये हमला हावी हो सकता है। ऐसे में इस हमले से निपटने के लिए इन राज्यों की सरकारों द्वारा कई उपाय किए जा रहे हैं। आइये जानते हैं कि राज्यों की ओर से क्या-क्या उपाय किए जा रहे हैं।

सरकार द्वारा किए गए उपाय

टिड्डियों के हमले को रोकने के लिए सरकार की ओर से स्टेप बाई स्टेप कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में जानते हैं सरकार ने अब तक क्या क्या कदम उठाए हैं-

1. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक में टिड्डी नियंत्रण अभियानों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिए दो हफ्ते में ब्रिटेन से 15 स्प्रेयर आ जाएंगे, इसके बाद 45 और स्प्रेयर खरीदे जाएंगे।

2. ऊंचे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों में प्रभावी नियंत्रण हेतु कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। वहीं छिड़काव के लिए हेलिकॉप्टरों की सेवाएं लेने की भी तैयारी है।

3.अब तक मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच, उज्जैन, रतलाम, देवास, आगर मालवा, छतरपुर, सतना व ग्वालियर, राजस्थान के जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर, नागौर, अजमेर, पाली, बीकानेर, भीलवाड़ा, सिरोही, जालोर, उदयपुर, प्रतापगढ़, चित्तौडगढ़, दौसा, चुरू, सीकर, झालावाड़, जयपुर, करौली एवं हनुमानगढ़, गुजरात के बनासकांठा और कच्छ, उत्तर प्रदेश में झांसी और पंजाब के फाजिल्का जिले में 334 स्थानों पर 50,468 हेक्टेयर क्षेत्र में हॉपर और गुलाबी झुंडों को नियंत्रित किया गया है।

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4. टिड्डी दल के हमले से बचाव के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों ने जहां एक तरफ भारी मात्रा में कीटनाशक का छिड़काव किया तो वहीं दूसरी तरफ लोगों ने थाली और तेज संगीत बजाकर भी इन्हें भगाने का प्रयास किया।

5. दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में सरकारों ने टिड्डी दल के पहुंचने को लेकर अलर्ट जारी किए हैं।

6. टिड्डी दल पूर्वी महाराष्ट्र से बृहस्पतिवार की दोपहर में मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में प्रवेश कर गया। दोपहर एक बजे के करीब टिड्डी दल को महाराष्ट्र के भंडारा जिले की तुमसर तहसील के सोंडया गांव में देखा गया।

6.संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, टिड्डियों के झुंड के बिहार और ओडिशा तक पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन दक्षिण भारत में इन कीटों के पहुंचने की संभावना कम है।

7. पाकिस्तान की सीमा से राजस्थान में घुसी टिड्डियों के हमले से राजस्थान के जिलों का लगभग 90,000 हेक्टेयर इलाका प्रभावित हुआ है। टिड्डियों के हमले से श्रीगंगानगर में लगभग 4,000 हेक्टेयर भूमि पर लगी फसल को नुकसान हुआ वहीं नागौर में 100 हेक्टेयर भूमि की फसल को चट कर दिया।

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8. टिड्डियां एक दिन में 15—20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलकर एक दिन में 150 किलोमीटर तक की दूरी तक यात्रा कर सकती है। चूंकि अभी खेतों में खड़ी फसल नहीं है इसलिये टिड्डियां पेड़ों और दूसरे खाने की चीज़ों को अपना लक्ष्य बना रही हैं।

9. झांसी जिले में बुधवार शाम पहुंचे टिड्डी दल में शामिल लाखों कीटों को रसायनों के गहन छिड़काव की मदद से नष्ट कर दिया गया। बचे हुए टिड्डियों के झुंड को भगाने की कोशिश जारी है।

10. आने वाले महीनों में, इथियोपिया, केन्या और सोमालिया में रेगिस्तानी टिड्डियों के दल प्रजनन जारी रखेंगे। जून में नए टिड्डे बनेंगे और दक्षिण सूडान से सूडान में जाएंगे और पश्चिम अफ्रीका में सहेल के लिए खतरा पैदा करेंगे।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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