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देशभर में कोरोना अपना विकराल रूप दिखा रहा है। ऐसे में कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा तबाही देश के महाराष्ट्र राज्य में मची हुई है। इस हालातों में बच्चों में अलग तरह की बीमारियां देखने को मिल रही हैं।
मुंबई : देशभर में कोरोना अपना विकराल रूप दिखा रहा है। ऐसे में कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा तबाही देश के महाराष्ट्र राज्य में मची हुई है। इस हालातों में बच्चों में अलग तरह की बीमारियां देखने को मिल रही हैं। मुंबई के वाडिया हॉस्पिटल में अभी तक कोरोना संक्रमित के 100 बच्चों को भर्ती किया गया है। जिनमें से 18 बच्चें PMIS मतलब की Paediatric Multisystem Inflammatory Syndrome से ग्रस्त पाए गए हैं।
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PMIS के लक्षण
इस बारे में डॉक्टरों के अनुसार, Paediatric Multisystem Inflammatory Syndrome (PMIS) के लक्षण सामान्य जैसे बुखार आना, स्किन में रैश होना, आंखों का जलना, पेट संबंधी बिमारियां हैं।
ऐसे में 10 महीने से लेकर 15 साल तक के बच्चों में इस बीमारी के लक्षण देखने को मिल रहे हैं, जिससे डॉक्टरों की चिंता अब काफी ज्यादा बढ़ गई है।
सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, इन 18 में से 2 बच्चों की कोरोना से ठीक होने के बाद इस बीमारी से मौत भी हो गई है। वाडिया अस्पताल ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को इसकी जानकारी दी है। अन्य जगहों से भी इसका विवरण मंगाया जा रहा है।
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10 महीने से लेकर 15 साल तक के बच्चों में
मुंबई के वाडिया अस्पताल की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. शकुंतला प्रभु के अनुसार, मार्च से लेकर अब तक 600 बच्चों के टेस्ट हुए हैं। इनमें से 100 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। उन्हीं में से 18 बच्चों में PMIS के लक्षण देखने को मिले।
उन्होंने बताया कि ये कावासाकी जैसे लक्षण हैं, पर कावासाकी छोटे बच्चों में देखने को मिलती है। जबकि PMIS 10 महीने से लेकर 15 साल तक के बच्चों में देखने को मिल रहा है।
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लक्षण को समय पर पहचानना जरूरी
जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस बीमारी के लक्षण को समय पर पहचानना जरूरी है। तभी इलाज किया जा सकता है। बहुत बच्चे रिकवर होकर गए हैं। जिनकी मौत हुई वो क्रिटिकल कंडिशन में यहां पर आये थे।
जिस बच्चे की मौत हुई उसमें बहुत समय से ये लक्षण थे, लेकिन समय पर पता नहीं चल पाया। समय पर इसे पहचनना जरूरी है। ये रेयर है और हम अभी देख रहे हैं।
साथ ही एसआरसीसी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ और क्रिटिकल केयर सोसाइटी के सचिव डॉ. अमीष वोरा ने इस बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए सतर्क किया है। उनके अनुसार, 'पेट दर्द के साथ-साथ दो से तीन दिनों तक बुखार रहता है। लूज मोशन की शिकायत भी रहती है।
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तुरंत किसी डॉक्टर की सलाह लें
आगे उन्होंने सतर्क किया कि ज्यादातर 100% रोगियों में बुखार होता है, 80% को लूज मोशन और उल्टी होती है। 60% बच्चों की आंखें लाल होती हैं और अन्य को शरीर पर रैशेज पड़ते हैं।' इसे ध्यान से देखने की जरूरत है। अगर बच्चों में ये लक्षण दिखे, तो तुरंत किसी डॉक्टर की सलाह लें।'
फिलहाल तो डॉक्टर इन मामलों पर विस्तार से शोध कर रहे हैं। आईसीएमआर को उनके निष्कर्षों के बारे में बताया जा रहा है। इसमें उनका कहना है कि ये मामले जून से मुंबई में सामने आए हैं। साथ ही चेन्नई, दिल्ली और जयपुर से भी ये मामले सामने आए हैं।
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