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सरकार ने मजदूरों के हेल्थ सर्टिफिकेट का आदेश लिया वापस, अब ऐसे की जाएगी जांच
महाराष्ट्र सरकार ने अपने प्रदेश लौटने वाले मजदूरों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने की शर्त रखी। इसकी वजह से भ्रष्टाचार होने लगा।
महाराष्ट्र: देशभर से कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसकी वजह से लॉकडाउन की अवधि को फिर से बढ़ा दिया गया है। लेकिन अब दूर-दराज फंसे प्रवासी श्रमिक अपने घर लौटना चाहते हैं। सरकार ने लगातार दबाव के बाद ऐसे मजदूरों के लिए एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए आदेश दे भी दे दी है। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने अपने प्रदेश लौटने वाले मजदूरों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने की शर्त रखी। इसकी वजह से भ्रष्टाचार होने लगा।
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बढ़ते भ्रष्टाचार को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने गांव लौटने वाले मजदूरों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की अनिवार्यता वाली शर्त अब समाप्त कर दी है। सरकार ने गांव लौटने वाले मजदूरों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कहा था। इसका फॉर्म पुलिस के पास जमा हो रहा था। जिसके बाद कई प्राइवेट डॉक्टर पैसे लेकर बिना जांच के ही मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने लगे थे।
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मामले का खुलासा होने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने संज्ञान में लेते हुए एक नया नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सरकार ने अपने नए आदेश में कहा कि अब किसी भी मजदूर को मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं है। जिन मजदूरों को गांव जाने के लिए पास दिया जाएगा उनको ट्रेन में बैठाने से पहले मेडिकल जांच कराई जाएगी और स्वास्थ्य सही होने पर ही उन्हें जाने की अनुमति दी जाएगी।
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