महाराष्ट्र में कापेंगे अपराधी: इनको मिला DGP का कार्यभार, जानिए इनके बारे में

अब महाराष्ट्र में डीजीपी का कार्यभार हेमंत नागराले सभालेंगे। तो हेमंत नागराले 1987 बैच के IPS ऑफिसर हैं। वो वर्तमान में महाराष्ट्र पुलिस में डीजीपी लीगल एंड टेक्निकल हैं। 

Shreya
Published on: 8 Jan 2021 7:24 AM GMT
महाराष्ट्र में कापेंगे अपराधी: इनको मिला DGP का कार्यभार, जानिए इनके बारे में
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महाराष्ट्र में कापेंगे अपराधी: इनको मिला DGP का कार्यभार, जानिए इनके बारे में

मुंबई: महाराष्ट्र में अब अपराधों पर रोक लगाने की जिम्मेदारी सीनियर आईपीएस ऑफिसर हेमंत नागराले को सौंपी गई है। हेमंत नागराले को राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं महा विकास अघाड़ी सरकार (Maha Vikas Aghadi Government) द्वारा सुबोध जायसवाल को सेवा मुक्त कर दिया गया है। बता दें कि जायसवाल को डीजी, सीआईएसएफ नियुक्त किए जाने से ही डीजीपी का पद खाली था।

हेमंत नागराले संभालेंगे डीजीपी का कार्यभार

सुबोध कुमार जायसवाल के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति को बीते साल नवंबर में ही इजाजत दे दी गई थी। बता दें कि जयसवाल 1985 बैच के अधिकारी हैं। वो साल 2019 से राज्य की पुलिस का नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें सीआईएसएफ का मुखिया बना दिया गया है। जिसके बाद अब महाराष्ट्र में डीजीपी का कार्यभार हेमंत नागराले सभालेंगे। तो तलिए जानते हैं कि आखिर कौन हैं हेमंत नागराले, जो संभालने वाले हैं डीजीपी का कार्यभार-

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मौजूदा समय में डीजीपी लीगल एंड टेक्निकल हैं नागराले

हेमंत नागराले 1987 बैच के IPS ऑफिसर हैं। वो वर्तमान में महाराष्ट्र पुलिस में डीजीपी लीगल एंड टेक्निकल हैं। इससे पहले साल 2016 में नवी मुंबई पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner) भी रह चुके हैं। बता दें कि अंडर -17 फुटबॉल वर्ल्ड कप और पॉप गायक जस्टिन बीबर के कार्यक्रम के आयोजन में कानून व्यवसथा को अच्छे से संभालने को लेकर उन्होंने काफी तारीफें बटोरी थीं। केवल इतना ही नहीं 26/11 के हमलों के दौरान भी नागराले ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने हमले में घायल हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाने का काम संभाला था।

नक्सल प्रभावित इलाकों से की थी करियर की शुरुआत

आपको बता दें कि नागराले ने अपने करियर की शुरुआत नक्सल प्रभावित इलाकों से की थी। उन्हें उनका पहला कार्यभार नक्सल प्रभावित चंद्रपुर जिले के राजुरा में बतौर एएसपी मिला था। नागराले 1989-92 तक चंद्रपुर जिले के राजुरा में रहे। इसके बाद उन्होंने 1998-02 तक सीबीआई के साथ काम किया। सीबीआई में रहते हुए उन्होंने केतन पारेख घोटाला, माधोपुरा बैंक घोटाला और हर्षद मेहता केस 2001 की जांच में भी शामिल थे।

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जब हुआ था नागराले का निलंबन

वहीं जब हेमंत नागराले नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त (Navi Mumbai Police Commissioner) थे, उस दौरान वाशी इलाके में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) में चोरी की बड़ी घटना हुई थी। इस लूट का उन्होंने केवल दो दिन के अंदर ही भंडाफोड़ किया था। हालांकि पुलिस कमिश्नर रहते हुए उन्हें साल 2018 में निलंबित भी किया गया था।

दरअसल, उन्होंने विधान परिषद की मंजूरी के बिना ही शेकाप पार्टी के MLA जयंत पाटिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। जबकि किसी भी एमएलए पर केस दर्ज करने के लिए विधान परिषद के सभापति की मंजूरी जरूरी होती है।

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