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Maharashtra: प्रफुल्ल पटेल का बड़ा दावा, शरद पवार ने नहीं बनने दी BJP-NCP की सरकार, 51 विधायकों की मांग कर दी थी अनसुनी
Maharashtra political crisis: अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया है कि 2022 में एनसीपी के 54 में से 51 विधायक भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के पक्ष में थे।
Maharashtra political crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बगावत के बाद शरद पवार और अजित पवार खेमों की ओर से एक-दूसरे पर हमले का दौर जारी है। इस बीच अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया है कि 2022 में एनसीपी के 54 में से 51 विधायक भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के पक्ष में थे। मगर पार्टी के मुखिया शरद पवार ने इस मामले में समय पर फैसला नहीं लिया। एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने में कामयाबी हासिल कर ली। उन्होंने महाराष्ट्र के आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा,एनसीपी और शिवसेना गठबंधन की बड़ी जीत होने का दावा भी किया।
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पार्टी के 51 विधायकों ने लिखा था पत्र
पटेल ने दावा किया कि 2022 के मध्य में महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई थी। उस समय एनसीपी के 51 विधायक भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के इच्छुक थे। उन्होंने इस बाबत पार्टी के मुखिया शरद पवार को पत्र भी लिखा था। पार्टी के विधायक और नेता ही नहीं बल्कि जमीनी कार्यकर्ताओं की भी यही इच्छा थी कि एनसीपी को भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनानी चाहिए।
पटेल ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा कि कई विधायक फंड न मिलने की समस्या से परेशान थे । तो कई विधायकों के क्षेत्रों में किसानों की समस्याओं का निदान नहीं हो रहा था। इस कारण पार्टी के अधिकांश विधायक भाजपा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार चाहते थे । मगर पार्टी के मुखिया शरद पवार ने इस मामले को लटकाए रखा और समय पर फैसला लेने में विफल साबित हुए। इसी बीच एकनाथ शिंदे ने मौके का फायदा उठाते हुए भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। प्रफुल्ल पटेल ने यह बयान देकर शरद पवार को एक बार फिर घेरने की कोशिश की है।
शिवसेना का साथ तो भाजपा में आपत्ति क्यों
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में सियासी हालात पूरी तरह बदल चुके हैं।एनसीपी राज्य की गठबंधन सरकार में शामिल हो गई है। अब हमें उम्मीद है कि विधायकों से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता से हर स्तर पर सुलझाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी के अधिकांश नेताओं को लगता है कि जब एनसीपी शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बना सकती है । तो फिर भाजपा के साथ हाथ मिलाने में कुछ भी गलत नहीं है। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि एनसीपी और शिवसेना की विचारधारा में लंबे समय से मतभेद रहा है। फिर भी हमने शिवसेना के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई। अब हमने व्यापक राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए भाजपा के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य महाराष्ट्र का विकास है। राज्य के विकास की प्रक्रिया को गति देने के लिए ही हमने यह कदम उठाया है।
पीएम मोदी की अगुवाई में लड़ेंगे चुनाव
पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मजबूत नेता बताते हुए कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव पीएम मोदी की अगुवाई में लड़ा जाएगा । जबकि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे विधानसभा चुनाव के दौरान गठबंधन की अगुवाई करेंगे। पटेल ने कहा कि शिवसेना और एनसीपी में टूट के बाद एमवीए गठबंधन पूरी तरह कमजोर पड़ चुका है। इस कारण महाराष्ट्र के दोनों चुनावों में भाजपा एनसीपी और शिवसेना गठबंधन को बड़ी जीत हासिल होगी।
43 विधायकों के समर्थन का दावा
पटेल ने अजित पवार के साथ 43 विधायकों के समर्थन का दावा किया। शरद पवार गुट की ओर से खुद को पार्टी से बर्खास्त करने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि पिछले कई वर्षों से पार्टी के संविधान का पालन नहीं किया गया है। हालांकि उन्होंने शरद पवार को अपना मार्गदर्शक और गुरु बताते हुए उन पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि अभी एनसीपी के नौ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। आने वाले दिनों में पार्टी के और विधायक भी मंत्री बनेंगे। अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के बीच विभागों के बंटवारे पर चर्चा हुई है। एक-दो दिनों के भीतर विभाग बंटवारे का काम पूरा कर लिया जाएगा।