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NCP के दोनों गुटों को चुनाव आयोग का नोटिस, पार्टी पर दावे को लेकर शरद और अजित खेमों से 17 अगस्त तक मांगा जवाब

Maharashtra Politics: अजित पवार की अगुवाई में पार्टी में हुई बगावत के बाद दोनों गुटों के बीच खींचतान बनी हुई है। अजित पवार गुट की ओर से पार्टी के अधिकांश विधायकों के समर्थन का दावा किया गया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 28 July 2023 9:11 AM IST
NCP के दोनों गुटों को चुनाव आयोग का नोटिस, पार्टी पर दावे को लेकर शरद और अजित खेमों से 17 अगस्त तक मांगा जवाब
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Maharashtra Politics (photo: social media )

Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बगावत के बाद पार्टी पर कब्जे के लिए शरद पवार और अजित पवार गुटों की ओर से की गई दावेदारी के संबंध में चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को नोटिस जारी करते हुए पार्टी पर दावेदारी के संबंध में 17 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में आयोग की ओर से दोनों गुटों को अलग-अलग ईमेल भेजा गया है।

अजित पवार की अगुवाई में पार्टी में हुई बगावत के बाद दोनों गुटों के बीच खींचतान बनी हुई है। अजित पवार गुट की ओर से पार्टी के अधिकांश विधायकों के समर्थन का दावा किया गया है। दूसरी ओर शरद पवार गुट की ओर से पार्टी और पार्टी के चुनाव निशान पर दावेदारी की गई है। दोनों गुटों की ओर से चुनाव आयोग के पास दावेदारी के संबंध में दस्तावेज दाखिल किए गए थे। अब चुनाव आयोग पार्टी और चुनाव निशान के भविष्य का फैसला करने की कोशिश में जुट गया है।

जवाब के बाद चुनाव आयोग लेगा फैसला

चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से प्रतीक अधिनियम की धारा-15 के तहत जवाब दाखिल करने को कहा है। जानकारों का कहना है कि दोनों गुटों की ओर से जवाब दाखिल करने के बाद आयोग की ओर से महत्वपूर्ण बिंदुओं का अध्ययन करने के बाद इस बाबत फैसला किया जाएगा। शरद पवार गुट की ओर से गुरुवार को जारी बयान में इस बात की जानकारी दी गई थी कि अजित पवार की ओर से किए गए दावे के संबंध में चुनाव आयोग की ओर से जवाब मांगा गया है।

दूसरी और अजित पवार गुट के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल इस मामले को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। चुनाव आयोग की ओर से नोटिस जारी किए जाने के बाद दोनों गुट जवाब दाखिल करने की तैयारी में जुट गए हैं। आयोग की ओर से दोनों गुटों को जवाब दाखिल करने के लिए 17 अगस्त तक का समय दिया गया है।

शक्ति प्रदर्शन में अजित पवार गुट भारी

एनसीपी के कद्दावर नेता अजित पवार ने गत 2 जुलाई को बगावत करते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। उनके गुट के आठ अन्य विधायकों को भी महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। बाद में विभाग बंटवारे के दौरान भी अजित पवार और उनके साथी मंत्री महत्वपूर्ण विभाग पाने में कामयाब हुए थे।

बाद में दोनों गुटों की ओर से विधायकों की अलग-अलग बैठक बुलाई गई थी। शक्ति प्रदर्शन की इस कोशिश में अजित पवार गुट शरद पवार गुट पर भारी पड़ा था। एनसीपी के 53 विधायकों में से अधिकांश विधायक अजित पवार के साथ बताए जा रहे हैं। अजित पवार खेमे की ओर से 40 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा किया गया है।

प्रफुल्ल पटेल ने शरद पवार को बताया आदर्श

इस बीच अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए नोटिस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पटेल ने नागपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है और मैं इस मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहता।

उन्होंने कहा कि हमने भाजपा के साथ जाने का महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसला लिया है और हम इस मुद्दे पर शरद पवार को मनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। अपने पिछले बयान की तरह उन्होंने शरद पवार को एक बार फिर आदर्श नेता बताया। पटेल ने कहा कि शरद पवार आगे भी हमारे लिए आदर्श बने रहेंगे।

अविश्वास प्रस्ताव का कोई मतलब नहीं

केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव से विपक्ष की कुंठा जाहिर होती है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में बहुमत का आंकड़ा भाजपा के साथ है और ऐसे में विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने का कोई मतलब नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव का पहले से ही गिर जाता है है मगर फिर भी विपक्ष की ओर से इस प्रस्ताव को लाने का मतलब किसी को समझ में नहीं आ रहा है।

Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

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