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चुनाव आयोग ने रद्द किए चुनाव, लिया बड़ा फैसला, वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई

राज्‍य चुनाव आयुक्‍त ने सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब करते हुए नासिक जिले के उमरेन गांव और नंदूरबार जिले के खोंडामाली गांव में चुनाव रद्द करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई पदों की के लिए सार्वजनिक रूप से बोली लगाने के सबूत मिलने के बाद की गई है।

Shreya
Published on: 14 Jan 2021 11:29 AM IST
चुनाव आयोग ने रद्द किए चुनाव, लिया बड़ा फैसला, वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई
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मुंबई: महाराष्ट्र में कल यानी 15 जनवरी से पंचायत चुनाव 34 जिलों के 14 हजार 234 ग्राम पंचायतों में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) होने वाले हैं। इलेक्शन से पहले चुनाव आयोग (Election Commission) को कुछ ग्राम पंचायत में सरपंच और ग्राम पंचायत सदस्यों के पदों की नीलामी होने की शिकायत मिली है। मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्‍य चुनाव आयुक्‍त ने सोमवार को दो ग्राम पंचायतों को चुनाव रद्द करने का फैसला किया है।

इन दो जिलों में रद्द हुए चुनाव

राज्‍य चुनाव आयुक्‍त ने सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब करते हुए नासिक जिले के उमरेन गांव और नंदूरबार जिले के खोंडामाली गांव में चुनाव रद्द करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई पदों की के लिए सार्वजनिक रूप से बोली लगाने के सबूत मिलने के बाद की गई है। बताया जा रहा है कि उमरेन गांव में सरपंच पद के लिए दो करोड़ 42 लाख रुपए तक बोली लगाई गई, इसी तरह नंदूरबार जिले के खोड़ामली गांव में सरपंच पद की नीलामी की गई है। ये नीलामी सार्वजनिक रूप से की गई है।

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panchayat chunaav (फोटो- सोशल मीडिया)

वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

पदों की नीलामी की यह प्रक्रिया श्री रामेश्वर महाराज मंदिर प्रांगण में संपन्न हुई, जिसका वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मामले में निर्वाचन आयोग ने बताया कि उमरेन गांव और खोड़ामली की ग्राम पंचायत के सदस्यों और सरपंच पद की नीलामी को लेकर मीडिया में खबरें आई थीं। इस मामले में तहसीलदार, उप-विभागीय अधिकारी, चुनाव पर्यवेक्षक और कलेक्टरों से रिपोर्ट मांगी गई थी। शिकायतों, रिपोर्टों और सबूत के सत्यापन के बाद इस प्रक्रिया को रद्द करने का फैसला लिया गया है।

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किया गया मौलिक अधिकारों और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन

निर्वाचन आयोग ने मामले में पाया कि केवल ग्रामीणों के एक वर्ग के दबाव की वजह से चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार इस अवसर से वंचित थे और मतदाता भी अपनी पसंद के व्यक्ति के पक्ष में वोट डालने से वंचित थे। इस प्रक्रिया से लोकतंत्र के मौलिक अधिकारों और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है। बता दें कि इस घटना की एक वीडियो भी सोशळ मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें सरपंच पद के लिए बोली लगाते हुए दिखाया गया है। यह घटना 27 दिसंबर की बताई जा रही है।

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