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Karnataka Election 2023: कांग्रेस के लिए क्यों जरूरी है जीत, खड़गे की बनेगी साख तो विपक्ष में बढ़ेगा पार्टी का दबदबा

Karnataka Election 2023: कर्नाटक राज्य की सत्ता अपने हाथ में बनाए रखने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी है मगर कांग्रेस की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। कर्नाटक के चुनावी नतीजे बड़ा सियासी संदेश देने वाले साबित होंगे और यही कारण है कि पार्टी इस चुनाव में जीत हासिल करने की जीतोड़ कोशिश कर रही है।

Anshuman Tiwari
Published on: 2 May 2023 6:42 PM IST (Updated on: 2 May 2023 7:35 PM IST)
Karnataka Election 2023: कांग्रेस के लिए क्यों जरूरी है जीत, खड़गे की बनेगी साख तो विपक्ष में बढ़ेगा पार्टी का दबदबा
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कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (फोटो: सोशल मीडिया)

Karnataka Election 2023: कर्नाटक का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए काफी अहम माना जा रहा है। राज्य की सत्ता अपने हाथ में बनाए रखने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी है मगर कांग्रेस की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। टिकट काटे जाने के बाद कई क्षेत्रों में हुई बगावत भाजपा के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई है। दूसरी ओर कांग्रेस ने किसी भी सूरत में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है।

कर्नाटक के चुनावी नतीजे बड़ा सियासी संदेश देने वाले साबित होंगे और यही कारण है कि पार्टी इस चुनाव में जीत हासिल करने की जीतोड़ कोशिश कर रही है। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे का गृह राज्य है। इसलिए यहां पर पार्टी की जीत से उनकी भी साख बढ़ेगी। दूसरी ओर 2024 के सियासी रण के लिए चल रहे विपक्ष की एकजुटता के प्रयासों में कांग्रेस का दबदबा और बढ़ेगा। पार्टी की ओर से राहुल गांधी को पीएम पद का चेहरा बनाने की मांग को भी मजबूती मिलेगी।

अन्य राज्यों पर भी असर डालेंगे चुनावी नतीजे

कर्नाटक विधानसभा के चुनावी नतीजे इस साल अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल देश में होने वाले लोकसभा चुनावों पर भी बड़ा असर डालेंगे। इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाला है और इन राज्यों में राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य भी शामिल हैं जो कांग्रेस शासित हैं। इन प्रदेशों के चुनावों को कांग्रेस नेतृत्व के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। यदि कर्नाटक में कांग्रेस को जीत हासिल हुई तो इन राज्यों में भी कांग्रेस का हौसला बढ़ेगा। इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला भी बुलंद होगा। मजे की बात यह है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में कांग्रेस का सीधा मुकाबला भाजपा से ही होने वाला है।

विपक्षी मोर्चे में बढ़ेगा कांग्रेस का दबदबा

कर्नाटक के चुनावी नतीजे 2024 की सियासी जंग के लिए भी बड़ा संदेश देने वाले साबित होंगे। 2024 की जंग में भाजपा को मजबूत चुनौती देने के लिए इन दिनों विपक्ष की एकजुटता के प्रयास काफी तेजी से किए जा रहे हैं। भाजपा के खिलाफ मजबूत मोर्चाबंदी में कांग्रेस को भी शामिल करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में कर्नाटक की जीत से विपक्ष की एकजुटता के लिए किए जा रहे प्रयासों में कांग्रेस का दबदबा मजबूत होगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष की एकजुटता के लिए इन दिनों जोरदार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के अलावा ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं से चर्चा की है। 2024 की जंग में इस विपक्षी मोर्चे को आकार देने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसे में यदि कर्नाटक के चुनावी नतीजे कांग्रेस के हक में रहे तो कांग्रेस की विपक्ष की अगुवाई की दावेदारी मजबूत होगी।

खड़गे के नेतृत्व कौशल की होगी परीक्षा

कर्नाटक के चुनावी नतीजे कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के लिए भी काफी अहम माने जा रहे हैं। कर्नाटक खड़के का गृह राज्य है और ऐसे में पार्टी को भी खड़गे से काफी उम्मीदें हैं। कर्नाटक के चुनाव में खड़गे की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। लंबे समय बाद कांग्रेस की अगुवाई गांधी परिवार से बाहर किसी नेता को सौंपी गई है। इस कारण कर्नाटक के चुनाव में खड़गे के नेतृत्व कौशल की भी परीक्षा होगी। राज्य में करीब साढ़े 19 फ़ीसदी मतदाता दलित समुदाय से जुड़े हुए हैं। राज्य विधानसभा में 36 सीटें आरक्षित हैं। वैसे दलित मतदाता राज्य की कई विधानसभा सीटों पर हार जीत के फैसले में बड़ी भूमिका निभाएंगे। कांग्रेस को उम्मीद है कि खड़गे के जरिए पार्टी दलित वोट बैंक में बड़ी सेंधमारी करने में कामयाब होगी।

दक्षिण भारत के लिए निकलेगा बड़ा संदेश

दक्षिण भारत को किसी समय कांग्रेस का गढ़ माना जाता था मगर हाल के वर्षों में दक्षिण भारत पर कांग्रेस की पकड़ कमजोर पड़ी है। कर्नाटक के चुनावी नतीजे दक्षिण भारत में कांग्रेस की ताकत का एहसास भी कराएंगे। दूसरी ओर दक्षिण भारत में कर्नाटक का अकेला ऐसा राज्य है जहां मौजूदा समय में भाजपा की सत्ता है। हाल के वर्षों में भाजपा दक्षिण भारत में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश में जुटी हुई है।

तेलंगाना में केसीआर के खिलाफ भी पार्टी ने पूरी ताकत लगा रखी है। इस कारण दक्षिण भारत में भाजपा की ताकत को बढ़ने से रोकने में कर्नाटक के चुनावी नतीजे बड़ी भूमिका निभाएंगे। यदि कांग्रेस इस बार कर्नाटक में भाजपा को हराने में कामयाब रही तो यह भाजपा के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा।

Anshuman Tiwari

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