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ममता सरकार की उल्टी गिनती शुरू, पांच मंत्रियों ने दिखाए बगावती तेवर
तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को भाजपा ने राजनीति की देहरी पर घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष हालांकि राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा का हाथ होने से इनकार कर रहे हैं
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी तृणमूल कांग्रेस पार्टी पर संकट गहराता दिख रहा है। ममता सरकार के पांच मंत्रियों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी ममता सरकार के बारे में कहा जा रहा है कि मंत्रियों के अलावा एक दर्जन से ज्यादा विधायक भी बगावत करने के लिए तैयार हैं।
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ऑपरेशन टीएमसी का एक्शन शुरू हो गया है
तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को भाजपा ने राजनीति की देहरी पर घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष हालांकि राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा का हाथ होने से इनकार कर रहे हैं लेकिन जिस तरह से ममता सरकार के पांच मंत्रियों ने पिछले हफ्ते भर के अंदर बगावती तेवर दिखाए हैं उससे साफ अंदाज लगाया जा सकता है कि सब कुछ ठीक नहीं है। टीएमसी में कुछ बड़ा होने वाला है। बताया यह भी जाता है कि दस दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह जब पश्चिम बंगाल के दौरान पर आए थे उसी समय ऑपरेशन टीएमसी का एक्शन शुरू हो गया है।
आने वाले दिनों में अपने समर्थकों की राय के अनुसार वह बड़ा ऐलान करेंगे
ममता बनर्जी की कैबिनेट में मंत्री शुभेंदु अधिकारी दो दिन पहले बुलाई गई ममता सरकार की कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए। इस बीच उन्होंने अपने समर्थकों के बीच कहा भी है कि आने वाले दिनों में अपने समर्थकों की राय के अनुसार वह बड़ा ऐलान करेंगे। कहा जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी जल्द ही टीएमसी से नाता तोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। यह अलग बात है कि शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के काफी खास और भरोसेमंद नेताओं में शुमार किए जाते हैं।
पता यह भी चला है कि ममता बनर्जी की कैबिनेट बैठक में न सिर्फ शुभेंदु अधिकारी ही नदारद दिखे हैं, बल्कि उनके अलावा तीन अन्य मंत्री राजीव बनर्जी, गौतम देब और रवींद्र घोष भी बैठक में नहीं पहुंचे हैं। इन लोगों के अलावा अन्य कई विधायकों के भी टीएमसी से बगावत कर भाजपा की ओर जाने की चर्चा हो रही है। शुभेंदु अधिकारी के बारे में बताया गया कि उन्होंने हाल ही में एक रैली भी की है जिसमें ममता बनर्जी का फोटो तक नहीं लगा।
ममता के बेहद खास हैं शुभेंदु अधिकारी
शुभेंदु अधिकारी को ममता ने अपनी सरकार में परिवहन, जल और सिंचाई मंत्री हैं। वह पूर्व मेदिनीपुर जिले की तमलुक संसदीय क्षेत्र से सांसद भी रहे हैं। माकपा के गढ़ को भेदने में शुभेंदु अधिकारी का भी योगदान है। 2009 और 2014 में लोकसभा की तमलुक सीट से जीतने वाले शुभेंदु ने 2016 में राज्य विधानसभा चुनाव के बाद संसदीय राजनीति से दूर हो गए और नंदीग्राम से विधायक चुने गए। लिहाजा 2016 में इस सीट के लिए उपचुनाव हुआ, जिसमें शुभेंदु के छोटे भाई दिव्येंदु अधिकारी को सांसद बनने का मौका मिला।
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प्रशांत किशोर से नहीं हो सकी शुभेंदु की मुलाकात
ममता बनर्जी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पूरे घटनाक्रम के दौरान एक दिन पहले शुभेंदु से मिलने की कोशिश की है। वह उनके घर भी पहुंचे लेकिन शुभेंदु के पिता से मिलकर लौट आए। अब तक उनकी शुभेंदु से मुलाकात नहीं हो सकी है। समझा जाता है कि ममता बनर्जी का संदेश लेकर प्रशांत किशोर पहुंचे थे लेकिन बात नहीं बनी।
रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी
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