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हाय रे बेरोजगारी: युवक ने उठाया खौफनाक कदम, अस्पताल में हुआ भर्ती
लेकिन युवक के पड़ोसियों का कहना है कि है कि उसने ऐसा कदम अपनी बेरोजगारी की समस्या के चलते उठाया है। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते पूरे देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू है। ऐसे में सारी दुकाने, सेवायें और सुविधाएं बंद हैं। जिसकी वजह से देश में कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। कंपनियों और संस्थाओं ने अपने कई कर्मचारियों को इस दौरान नौकरी से निकाल दिया है। ऐसे में मध्यप्रदेश के ग्वालियर से एक सनसनीखेज मामला सक़मने अ रहा है। यहां एक युवक ने खुद को आग लगा ली। जिसके बाद आसपास के लोगों ने उसे कैसे भी करके बचा लिया है। लेकिन लोगों का कहना है कि युवक ने बेरोजगारी की समस्या के चलते ये कदम उठाया।
युवक ने बीच सड़क पर खुद को किया आग के हवाले
शहर के जीवाजीगंज इलाके में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने खुद को आग लगा ली। जिसके बाद आसपास के लोगों ने पानी दाल कर उसकी जान बचाई। युवक 50 फीसदी तक झुलस चुका है। और उसकी हालत भी नाजुक बताई जा रही है। फ़िलहाल उसने ऐसा क्यों किया इसका अभी तक साफ़ तौर पर तो पता नहीं चल सका है। लेकिन युवक के पड़ोसियों का कहना है कि है कि उसने ऐसा कदम अपनी बेरोजगारी की समस्या के चलते उठाया है। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
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जानकारी करने पर पता चला है कि युवक ग्वालियर के जीवाजी गंज इलाके में किराए के मकान में रहता है। युवक का नाम संतोष है। संतोष शहर के नई सड़क स्थित होटल में काम करता था। ऐसा पता चला कि रविवार को संतोष ने कार्तिकेय मंदिर रोड पर चलते चलते अपनी जेब से केरोसीन की शीशी निकाल के अपने ऊपर तेल दाल लिया जिसके बाद माचिस निकल कर खुद को आग के हवाले कर दिया। आग लगते ही संतोष चीखने-चिल्लाने लगा और देखते देखते ही आग ने उसके सर और कमर को अपने कब्जे में ले लिया।
बेरोजगारी की समस्या के चलते किया आत्मदाह का प्रयास
जिसके बाद आसपास के लोगों ने युवक को जलता देख उस पर पानी फेकना शुरू कर दिया। और कैसे भी करके उसकी आग बुझाई। जिसके पुलिस को सूचना देने पुलिस और 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंची और बुरी तरह झुलसे संतोष को जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया। फ़िलहाल संतोष की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। जानकारी करने पर पता चला कि संतोष अकेला ही किराए पर रहता है। और और वो नई सड़क स्थित होटल में काम करता था। लेकिन लॉकडाउन के चलते होटल पिछले डेढ़ महीने से बंद है।
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ऐसे में संतोष पिछले डेढ़ महीने से बेरोजगार ही घूम रहा है। जिससे उसके पास आर्थिक तंगी बढती जा रही थी। पड़ोसियों ने बताया कि संतोष की आर्थिक स्थिति बेहद बिगड़ चुकी थी। और ऐसे में उसे मकान का किराया देना और अपनी गुजर बसर करना मुश्किल हो रहा था। शायद ये ही वजह थी कि संतोष ने इतना बड़ा कदम उठा लिया। फिलहाल जनकगंज पुलिस ने बताया कि संतोष की हालत अभी गंभीर बनी हुई है। उसके बयान के बाद ही ये साफ हो पाएगा कि संतोष ने आत्मघाती कदम क्यों उठाया।