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Mani Shankar Aiyar Book: 'पाकिस्तान दुश्मन देश नहीं, भारत की सबसे बड़ी पूंजी वहां के लोग हैं', मणिशंकर अय्यर कीआत्मकथा
Mani Shankar Aiyar book: कांग्रेस सीनियर लीडर मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत एक बार फिर शुरू करने की वकालत की है। उन्होंने ये बातें अपनी आत्मकथा 'मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक- द फर्स्ट फिफ्टी इयर्स (1941-1991) में लिखी है। उन्होंने पीएम मोदी से मनमोहन सिंह के दौर तक का भी उल्लेख किया है।
Mani Shankar Aiyar Book: कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व राजनयिक मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत की है। अय्यर ने बातचीत की पैरवी करते हुए कहा कि, 'जब तक यह पड़ोसी देश (पाक) हमारे गले की फांस बना रहेगा, तब तक भारत दुनिया में अपना उचित स्थान हासिल नहीं कर सकेगा।
आपको बता दें, मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान के वाणिज्यिक शहर कराची (Karachi) में दिसंबर, 1978 से जनवरी, 1982 तक भारत के महावाणिज्य दूत (Consulate General) रह चुके हैं। अय्यर ने ये बातें अपनी आत्मकथा 'मेमॉयर ऑफ ए मेवरिक' (Memoirs of A Maverick : The First Fifty Years (1941-1991) में लिखी है। कांग्रेस नेता ने पाकिस्तान में बतौर राजनयिक अपने कार्यकाल को एक पूरा अध्याय समर्पित किया है। बता दें, उनकी ये नई किताब बाजार में आ चुकी है।
मणिशंकर- PAK के लोग भारत को नहीं मानते दुश्मन
जगरनॉट बुक्स (Mani Shankar Aiyar Juggernaut Books) द्वारा प्रकाशित अपनी नई पुस्तक में लिखते हैं कि, पाकिस्तान के लोग भारतीयों को अपना दुश्मन नहीं मानते। एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में मणिशंकर अय्यर कहते हैं, उनके नौकरशाही करियर (Bureaucratic career) का सर्वश्रेष्ठ दौर निस्संदेह पाकिस्तान में महावाणिज्य दूत के रूप में उनका कार्यकाल रहा था। अय्यर अपनी किताब में उन 3 वर्षों के कार्यकाल का विस्तार से जिक्र करते हैं।
'सबसे बड़ी संपत्ति' वहां के लोग हैं'
मणिशंकर अपनी आत्मकथा में लिखते हैं, 'पाकिस्तान में भारत की 'सबसे बड़ी संपत्ति' वहां के लोग हैं, जो इसे (भारत) दुश्मन देश नहीं मानते।' अय्यर बताते हैं, 'पाकिस्तान में बतौर राजनयिक तैनाती के पहले दो-तीन हफ्तों के भीतर हम एक दिन डिनर से वापस आ रहे थे, उस वक़्त मेरी पत्नी सुनीत ने मुझसे सवाल पूछा कि, 'यह एक दुश्मन देश है? यह सवाल कराची में रहने के दौरान मेरे दिमाग में गूंजता रहा।'
क्या पाकिस्तान हमारा दुश्मन देश है?
अय्यर कहते हैं, 'मैंने वहां अपने 3 महत्वपूर्ण वर्ष गुजारे हैं। इस दौरान खुद से भी ये सवाल पूछा, कि क्या पाकिस्तान हमारा दुश्मन देश है। पाकिस्तान से वापस आने के बाद बीते 40 वर्षों में मैं खुद से यह सवाल पूछता रहा। आख़िरकार, मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि पाकिस्तान की सेना या राजनीतिक व्यवस्था के किसी भी वर्ग का दृष्टिकोण कुछ भी हो, जहां तक वहां के लोगों का सवाल है, वे न तो दुश्मन देश हैं और न ही वे भारत को दुश्मन मानते हैं।'
फ़िल्में, किताबें, यात्राएं रोक दी जाती हैं
मणिशंकर अय्यर आगे लिखते हैं, 'हर बार जब हम पाकिस्तान की सरकार के प्रति अपनी अस्वीकृति प्रदर्शित करना चाहते हैं, तो वीजा रोक दिया जाता है। फिल्मों पर प्रतिबंध लगाया जाता है। किताबें बैन कर दी जाती है। यात्राएं रोक दी जाती है। इसलिए मुझे समझ नहीं आता है कि हम क्यों नहीं जानते कि कैसे कूटनीतिक दृष्टिकोण (Diplomatic Approach) के अभिन्न अंग के रूप में पाकिस्तान के लोगों की सद्भावना का लाभ उठाया जाए।' उन्होंने आगे कहा, पिछले 9 वर्षों से भारत और पाकिस्तान के बीच हर तरह के संवाद बंद हैं। उनका इशारा प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल की तरफ था।
मोदी के PM बनते ही सभी वार्ता बंद
अय्यर आगे कहते हैं, 'पिछले 9 वर्षों से भारत-पाकिस्तान के बीच सभी बातचीत बंद हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के प्रधानमंत्री बनने से पहले लगभग हर प्रधानमंत्री, अगर उनके पास समय होता था, तो पाकिस्तानियों के साथ किसी न किसी तरह वार्ता का प्रयास कर रहे थे। लेकिन, अब हम एक ठहराव की स्थिति में हैं। इस रोक के शिकार केवल जनता है।'