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Manipur Violence: गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक संपन्न,'...खुले मन से हुई बातचीत'
Manipur Violence: मोदी सरकार ने मणिपुर हिंसा के ताजा हालातों के मद्देनजर सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक संसद भवन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई।
Manipur Violence: मणिपुर के ताजा हालात पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार (24 जून) को सर्वदलीय बैठक बुलाई। मीटिंग में कई दलों के नेता मौजूद रहे। ये बैठक संसद भवन में हुई। सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राजनीतिक दलों को मौजूदा हालातों की जानकारी दी। संसद भवन में करीब 3 घंटे तक वार्ता चली।
बैठक के बाद राजद सांसद मनोज झा ने कहा, खुले मन से बातचीत हुई। तमाम दलों ने अपनी राय रखी। वहां के राजनीतिक नेतृत्व में (लोगों का) अविश्वास है। ये बात सभी विपक्षी दलों ने रखी। हमने कहा कि जो इंसान प्रशासन चला रहा है उसमें कोई विश्वास नहीं है। अगर आपको शांति बहाल करनी है तो आप ऐसे व्यक्ति के रहते नहीं कर सकते हैं।'
मणिपुर हिंसा को लेकर इस बैठक में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा, राजद के मनोज झा, पशुपति पारस और सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास मौजूद हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और NCP चीफ शरद पवार ने बैठक से दूरी बनाई है।
गौरतलब है, बीजेपी शासित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर बीते 51 दिनों से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। तमाम कवायदों के बावजूद राज्य और केंद्र सरकार मणिपुर में शांति बहाल करने में असफल रही है। मैतेई और कुकी समुदायों के हथियारबंद लड़ाके अब भी एक के बाद एक दूसरे समुदाय के लोगों को निशाना बना रहे हैं। राज्य की कानून व्यवस्था केंद्र द्वारा अपने हाथों में लिए जाने के बावजूद हिंसा में लगाम नहीं लग सका है। सेंटर और स्टेट में दोनों जगहों पर सरकार चला रही भाजपा पर विपक्ष लगातार हमलावर है।
मोदी सरकार ने अब इस ज्वलंत मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक करने का निर्णय लिया है। ये बैठक आज दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होगी। इससे पहले इसी तरह की एक सर्वदलीय बैठक राजधानी इंफाल में अमित शाह के दौरे के दौरान हो चुकी है। लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। जिसके बाद अब राष्ट्रीय स्तर पर मीटिंग करने का फैसला लिया गया है।
राष्ट्रीय पार्टियां होंगी शामिल
आज यानी शनिवार 24 जून को दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक में देश की राष्ट्रीय पार्टियों को मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया। मणिपुर के शिक्षा मंत्री बसंता सिंह ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा मीटिंग इंफाल में कराए जाने की मांग पर कहा कि उन्हें यह पता नहीं है कि पिछले महीने इंफाल में एक सर्वदलीय बैठक हो चुकी है। इस मीटिंग में पूर्व मुख्यमंत्री समेत राज्य के कई सीनियर कांग्रेस लीडर शामिल हुए थे।
पीएम मोदी के अनुपस्थिति पर राहुल गांधी हमलावर
केंद्र सरकार द्वारा मणिपुर मुद्दे पर ऑल मीटिंग ऐसे समय में बुलाया गया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश से बाहर हैं। पीएम अपना चार दिवसीय अमेरिका दौरा खत्म कर दो दिवसीय मिस्त्र के दौरे के लिए निकल चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बैठक पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पिछले दिनों ट्वीट कर कहा था कि बैठक ऐसे समय में हो रहा है, जब प्रधानमंत्री अमेरिका की यात्रा पर हैं। इससे पता चलता है कि यह बैठक पीएम के लिए महत्वपूर्ण नहीं है।
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी इस फैसले को नाकाफी बताते हुए कहा कि ये बहुत देरी से लिया गया निर्णय है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर मुद्दे पर चर्चा दिल्ली में की जाएगी, तो इसमें गंभीरता नहीं दिखेगी। इसलिए दिल्ली की बजाय राजधानी इंफाल में यह बैठक हो। बता दें कि 21 जून को यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी भी एक वीडियो संदेश जारी कर मणिपुर में लोगों से शांति बरतने की अपील कर चुके हैं।
क्या राष्ट्रपति शासन लगाने पर होगी चर्चा ?
मणिपुर में लंबे समय से जारी हिंसा को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। मणिपुर के आदिवासी समुदाय कुकी और नागा लगातार केंद्र सरकार से बीरेन सिंह सरकार को बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे हैं। विपक्ष भी केंद्र से ऐसी ही मांग कर रहा है। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं होगी।