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Manipur Violence Update: फिर हिंसा से दहल उठा मणिपुर, ताबड़तोड़ गोलीबारी के बाद जला दिया गया स्कूल
Manipur Violence: चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में रविवार को फिर हिंसा भड़क गई। दो समुदायों के बीच में हिंसक झ़ड़प देखने को मिली है। झड़प के दौरान दोनों तरफ से जमकर फायरिंग की भी घटना हुई है।
Manipur Violence: मणिपुर को हिंसा की आग में झुलसते हुए दो महीने से ज्यादा समय हो गया है। हिंसा थमने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है। चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में रविवार (23 जुलाई) को एक बार फिर हिंसा भड़क गई। दो समुदायों के बीच में हिंसक झ़ड़प देखने को मिली है। झड़प के दौरान दोनों तरफ से जमकर फायरिंग की भी घटना हुई है। फायरिंग के बाद इलाके में तनाव फैल गया है। इलाके में शांति व्यस्था कायम रखने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
महिलाओं ने स्कूल को किया आग के हवाले
राज्य के विष्णुपुर जनपद में शनिवार को दो समुदायों के बीच फायरिंग की घटना सामने आई थी। महिलाओं ने सड़कों को जाम कर दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक कुकी समुदाय की सैकड़ों महिलाओं ने विष्णुपर जिले की ट्रोबुंग ग्राम प्ंचायत में मैतेई समुदाय के कुछ घर और स्कूलों को आग के हवाले कर दिया। फिलहाल सुरक्षाबलों ने सभी को खदेड़ते हुए स्थिति को संभाल लिया था।
मणिपुर में करीब 80 दिनों से हिंसा लगातार जारी है। इस हिंसा में 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बीते 19 जुलाई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके सड़क पर परेड कराने और दरिंदगी करने का शर्मनाक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो ने पूरे देश को दहला दिया, जिसने भी देखा वो सहम गया। महिलाओं को निर्वस्त्र करने के मामले में पुलिस ने शनिवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी सहित 6 को गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पहले वीडियो वारयल होने के बाद 20 जुलाई को 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें मुख्य आरोपी हेरोदास शामिल था। इन चारों आरोपियों को 11 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
चुराचांदपुर से हुई थी हिंसा की शुरुआत
यहां गौर करने वाली बात ये है कि मणिपुर में तीन मई को जो हिंसा की शुरूआत हुई थी, वो इसी चुराचांदपुर जिले से हुई थी। चुराचांदपुर ही मणिपुर हिंसा का मुख्य केंद्र है। चुराचांदपुर राज्य की राजधानी इम्फाल से दक्षिण में करीब 63 किमी की दूरी पर है इस जिले में कुकी आदिवासी ज्यादा संख्या में है। बता दें कि गवर्नमेंट लैंड सर्वे के विरोध में 28 अप्रैल को को द इंडिजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने चुराचंदपुर में आठ घंटे बंद का एलान किया था। उसी रात तुइबोंग एरिया में उपद्वियों ने वन विभाग के एक दफ्तर में आग लगा दी थी। इसके बाद से देखते ही देखते इस बंद ने हिंसक रुप ले लिया। तब लगातार राज्य में हिंसा चल रही है।