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Mann Ki Baat: देश की प्रेरणा हैं वीर सावरकर 'मन की बात' में PM मोदी बोले उनकी त्याग गाथाएं आज भी यादगार
Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम के 101वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने वीर सावरकर का भी जिक्र किया।
Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम मन की बात के 101वां एपिसोड को संबोधित किया। भारतीय जनता पार्टी के सभी लोकसभा एवं राज्यसभा के सांसदों ने संसद भवन की लाइब्रेरी बिल्डिंग जीएम बालयोगी ऑडिटोरियम में इसे सुना। पीएम मोदी आज के एपिसोड में वीर सावरकर का भी जिक्र किया।
मन की बात में क्या बोले पीएम मोदी?
PM Shri @narendramodi's #MannKiBaat with the nation. https://t.co/2tsB2e3nR4
— BJP (@BJP4India) May 28, 2023Also Read
संसद का नया भवन उम्मीदों से भर देने वाला
पीएम मोदी ने मन की बात के 101वें एपिसोड की शुरूआत में कहा कि आज का दिन सबके लिए अविस्मरणीय, संसद का नया भवन गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात संबोधित करते हुए कहा कि 'मन की बात' का ये एपिसोड सेकेंड सेंचुरी का प्रारंभ है। पिछले महीने हम सभी ने इसकी स्पेशल सेंचुरी को सेलिब्रेट किया है। आपकी भागीदारी ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत है। पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम के जरिए कई लोग एक मंच पर आए। पीएम ने कहा कि 100वें एपिसोड के ब्रॉडकास्ट के साथ के साथ प्रकार से पूरा देश सूत्र में बंध गया है। हमारे सफाईकर्मी भाई बहन हों या फिर अलग अलग क्षेत्रों के दिग्गज, मन की बात ने सभी को एक साथ लाने का काम किया है।
पीएम मोदी ने 100वें एपिसोड का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि जब मन की बात का प्रसारण हुआ, तो उस समय दुनिया के अलग-अलग देशों में, अलग-अलग Time zone में, कहीं शाम हो रही थी तो कहीं देर रात थी। इसके बावजूद, बड़ी संख्या में लोगों ने 100वें एपिसोड को सुनने के लिए समय निकाला। मैनें हजारों मील दूर न्यूजीलैंड का वो वीडियो भी देखा, जिसमें 100 वर्ष की एक माताजी अपनी आशीर्वाद दे रही हैं।
बीते दिनों हमने मन की बात में काशी तमिल संगमम की बात की। सौराष्ट्र तमिल संगमम की बात की। कुछ समय पहले ही वाराणसी में काशी तेलुगू संगमम भी हुआ। भारत की शक्ति की इसकी विविधता में है। हमारे देश में देखने के लिए बहुदत कुछ है। इसी को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने युवासंगम नाम से एक बेहतरी पहल की है। इस पहल का उद्देश्य Pepole to people Connect बढ़ाने के साथ ही देश के युवाओं को आपस में घुलने-मिलने का मौका देना। विभिन्न राज्यों के उच्च शिक्षा संस्थानों को इससे जोड़ा गया है।
युवासंगम में युवा दूसरे राज्यों के शहरों और गावों में जाते हैं, उन्हे अलग अगल तरह के लोगों के साथ मिलने का मौका मिलता है। युवासंगम के फर्स्ट राउंड में लगभग 1200 युवा, देश के 22 राज्यों का दौरा कर चुके हैं। जो भी युवा इसका हिस्सा बने हैं, वे अपने साथ ऐसी यादें लेकर वापस लौट रहे हैं जो जीवन भर उनके हृदय में बनी रहेंगी।
कुछ दिन पहले ही मैं जापान में हिरोशिमा में था। वहां मुझे Hiroshima Peace Memorial Museum में जाने का अवसर मिला। ये एक भावुक कर देने वाला अनुभव था। जब हम इतिहास की यादों को संजोकर रखते हैं तो वो आने वाली पीढ़ियों की बहुत मदद करता है।
वीर सावरकर को गुलामी नहीं भाती थी
पीएम मोदी ने कहा वीर सावरकर की गाथाएं सभी को प्रेरित करती है। सावरकर को गुलामी नहीं भाती थी। वीर सावरकर के त्याग की गाथाएं प्रेरित करती हैं। सावरकर के योगदान को आज भी याद किया जाता है।
गुरुग्राम में एक अनोखा संग्रहालय है Museo Camera, इसमें 1860 के बाद के 8 हजार से ज्यादा कैमरों का collection मौजूद है। तमिलनाडु के Museum of Possibilities को हमारे दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर design किया गया है। मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय एक ऐसा museum है, जिसमें 70 हजार से भी अधिक चीजें संरक्षित की गई हैं। बीते वर्षों में भी हमने भारत में नए-नए तरह के museum और memorial बनते देखे हैं। स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए museum बनाए जा रहे हैं।