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कई आयुर्वेदिक कंपनियों के उत्पादों को मिली क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी

कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ रहा है, इस घातक वायरस से दुनिया भर के देश जूझ रहे हैं। भारत में भी इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लाखों में पहुंच गई है।

Vidushi Mishra
Published on: 29 May 2020 5:39 PM IST
कई आयुर्वेदिक कंपनियों के उत्पादों को मिली क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी
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लखनऊ। कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ रहा है, इस घातक वायरस से दुनिया भर के देश जूझ रहे हैं। भारत में भी इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लाखों में पहुंच गई है। जहां पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस महामारी का इलाज ढूढंने में लगे है तो वहीं, भारत का आयुष मंत्रालय भी इस विषम परिस्थिति में आयुर्वेद से जुड़े कई शोध कर रहा है। इस बीच देश की कई आयुर्वेदिक उत्पाद बनाने वाली कंपनियों ने भी अपनी औषधियों का क्लीनिक्ल ट्रायल किए जाने के लिए आईसीएमआर से अनुरोध किया है। इनमे से कई कंपनियों को क्लीनिक्ल ट्रायल की मंजूरी मिल भी चुकी है।

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क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी

केरल के एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक संगठन पंकज कस्तुरी हर्बल रिसर्च फाउंडेशन द्वारा विकसित एक आयुर्वेदिक दवा को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है।

क्लिनिकल ट्रायल के लिए आईसीएमआर की अपेक्स बॉडी क्लिनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री ऑफ इंडिया (सीटीआरआई) के द्वारा ये मंजूरी दी गई है। कंपनी की ओर से जारी हुए बयान में कहा गया है कि इस दवा के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हैं।

राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी में हुए इनविट्रो एक्सपेरिमेंट से ये पता चलता है कि सांस संबंधी संक्रमण, वायरल फीवर, एक्यूट वायरल ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर समस्याओं के इलाज में ये दवा असरदार है।

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चार औषधियां

सीटीआरआई के अलावा, इंस्टिच्युशनल एथिक्स कमिटीज ने भी इस दवा को अप्रूव कर दिया है। साथ ही साथ देश भर के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में इस क्लिनिकल ट्रायल को करने की अनुमति दी गई है।

इसके अलावा सीएसआईआर और आयुष मंत्रालय मिलकर कुछ ऐसी आयुर्वेदिक औषधियों पर भी काम कर रहे हैं जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर उन्हें आराम दे सकते हैं। ये चार औषधियां हैं, अश्वगंधा, यष्तिमधु यानी मुलैठी, गुडुची पीपली यानी गिलोय और आयुष-64।

इन चारों का ट्रायल स्वास्थ्यकर्मियों और उन लोगों पर किया जाएगा जो हाई रिस्क जोन में हैं। इस पूरी स्टडी में आईसीएमआर का भी टेक्निकल सपोर्ट होगा। पूरे देश के अलग अलग संस्थान इन चार औषधियों के प्रयोग और इनके नतीजों पर नजर रखेंगे। इसके ट्रायल पूरे होने में दो से चार महीने लग सकते हैं।

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क्या है ये आयुर्वेदिक औषधियां

अश्वगंधा- आयुर्वेद की बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि है अश्वगंधा और बैक्टीरियां संक्रमण में इसका उपयोग लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा, घाव भरने में और इम्युनिटी को मजबूत करने में भी इसका प्रयोग किया जाता है।

अश्वगंधा का उपयोग मधुमेह और थायराइड जैसी बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इसमे तनाव कम करने का भी गुण पाया जाता है।

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मुलेठी- मुलेठी का उपयोग गला खराब होने तथा पेट की समस्याओं में किया जाता है। आईसीएमआर इसका भी क्लीनिकल ट्रायल कर रहा है।

गिलोय- गिलोय का आयुर्वेद की एक प्रमुख औषधि मानी जाती है। कई बीमारियों के उपचार में इसका प्रयोग किया जाता है। ज्वरनाशक होने के साथ ही गिलोंय एसिडिटी, कफ, मधुमेह, हद्य रोग, कैंसर, नेत्र रोग, कब्ज, टीबी, बवासीर, पीलिया, लीवर रोग, गठिया तथा फाइलेरिया जैसी कई बीमारियों के उपचार में प्रयोग की जाती हैै।

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Vidushi Mishra

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