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दिल्ली जैसी हिंसा यहां भी: एक की मौत के बाद लगा कर्फ्यू, इंटरनेट सेवायें ठप्प

सीएए को लेकर मेघालय में खासी छात्र संघ सदस्यों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़प हो गयी। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत भी हो गयी।

Shivani Awasthi
Published on: 29 Feb 2020 5:43 AM GMT
दिल्ली जैसी हिंसा यहां भी: एक की मौत के बाद लगा कर्फ्यू, इंटरनेट सेवायें ठप्प
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शिलांग: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राजधानी दिल्ली में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद अब भारत के एक अन्य राज्य में ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। मामला मेघालय (Meghalaya) का है, जहां सीएए को लेकर उग्र झड़प हो गयी,जिसमें एक आदमी की मौत हो गयी। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। तनाव को देखते हुए शिलांग में कर्फ्यू लगा दिया गया। वहीं 6 जिलों में इन्टरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया।

सीएए को लेकर मेघायल में हिंसा, एक की मौत:

दरअसल, सीएए को लेकर मेघालय में खासी छात्र संघ सदस्यों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़प हो गयी। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत भी हो गयी। घटना के बाद पुलिस ने शिलॉन्ग एग्लोमरेशन और आसपास के क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है।

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बताया जा रहा है कि सीएए विरोधी और आईएलपी के समर्थन में हुई बैठक के दौरान खासी स्टूडेंट्स यूनियन के सदस्यों और गैर आदिवासियों के बीच झड़प हुई। यह बैठक शुक्रवार को जिले के इचामति इलाके में हुई थी।

शिलांग में कर्फ्यू, इन्टरनेट सेवाएं ठप्प:

तनाव के मद्देनजर मेघालय के छह जिलों में इन्टरनेट सेवाओ को ठप्प कर दिया गया है। इसमें पूर्वी जयंतिया हिल्स, पश्चिम जयंतिया हिल्स, पूर्वी खासी हिल्स, री भोई, पश्चिमी खासी हिल्स और दक्षिण पश्चिम खासी हिल्स में शुक्रवार रात से 48 घंटों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई।

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वहीं आधिकारिक आदेश के बाद शिलांग और आसपास के इलाकों में 28 फरवरी को रात दस बजे से 29 फरवरी को सुबह आठ बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है।

मेघालय के राज्यपाल ने दी भीड़ से निपटने की सीख:

अक्सर अपने बयानों से विवादों में रहने वाले मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय इस विवाद को लेकर सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पैदा हुई गड़बड़ियों को रोकने के लिए चीन में 1989 की थ्येन मान चौक की घटना से सीख ली जा सकती है। चीन में बीजिंग के थ्येन मान चौक के पास 4 जून 1989 को हजारों लोकतंत्र समर्थकों को मार डाला गया गया था। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने नृशंस अभियान चलाया था।

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