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दिल्ली हिंसा में ताबड़तोड़ गिरफ्तारी: सैकड़ों केस दर्ज, 630 उपद्रवी चढ़े पुलिस के हत्थे
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बीते दिनों दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं में 42 लोगों की मौत और सैकड़ों लोगों के घायल होने के बाद अब भले ही उग्र प्रदर्शन शांत हो गया हो लेकिन पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अभी भी अलर्ट पर हैं।
दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बीते दिनों दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं में 42 लोगों की मौत और सैकड़ों लोगों के घायल होने के बाद अब भले ही उग्र प्रदर्शन शांत हो गया हो लेकिन पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अभी भी अलर्ट पर हैं। इसी के साथ अब दिल्ली पुलिस उपद्रवियों की तलाश में जुट गयी है। मामले में पुलिस ने अब तक 123 एफआईआर दर्ज की हैं और 630 लोगों की गिरफ्तारी की है। पुलिस हिंसा में शामिल उपद्रवियों की गिरफ्तारी के साथ ही दोबारा इस तरह की गतिविधि न हो, इसके लिए प्रदेश की निगरानी में लगी है।
हिंसा के बाद पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई:
दिल्ली बवाल को लेकर पुलिस का कहना है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली की इस हिंसा में अब तक 123 एफआईआर दर्ज की गयी है। वहीं पुलिस ने मामले में अब तक 630 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ हो रही है।
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कई मौतों के साथ ही दिल्ली में भारी नुकसान:
दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या 42 तक पहुंच गई है। इस हिंसा में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं हिंसा में दिल्ली के जो क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए उनमे जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा शामिल हैं। कई घर, दुकाने, वाहन जला कर राख कर दिए गये।
पुलिस सुरक्षा में तैनात:
पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान हिंसा की किसी भी साजिश को कुचलने के लिए रात भर हिंसा ग्रस्त इलाको में गश्त कर रहे हैं। मौजपुर, करावल नगर, भजनपुरा, सीलमपुर और जाफराबाद जैसे इलाकों में पुलिस की भारी बंदोबस्त है। पुलिस ने लोगों से सावधानी बरतने और अफवाहों से बचने की अपील की है।
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दिल्ली हिंसा पर 13 अप्रैल को सुनवाई
हिंसा मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को भड़काऊ बयान देने के मामले में आई याचिका पर विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके लिए गृह मंत्रालय को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया। मामले में अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।
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