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CAA पर माइक्रोसॉफ्ट के CEO ने कही ऐसी बात, विरोधियों ने की तारीफ
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने भी अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सीएए के भारत में जो हो रहा है वो दुखद है।
दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है। इसी बीच माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ (Microsoft CEO) सत्य नडेला (Satya Nadella) ने भी इस मसले में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सीएए के भारत में जो हो रहा है वो दुखद है। वहीं उन्होंने इस बाबत सलाह देते हुए कहा कि सरकार और जनता मिल कर देशहित के लिए क्या सही है, ये तय करें। इसके अलावा उन्होंने यह भी इच्छा जाहिर की कि भारत में कोई बांग्लादेशी आकर करोड़ों डॉलर की कंपनी खोले।
सीएए पर माइक्रोसॉफ्ट के CEO का बयान:
केंद्र सरकार द्वारा भारत में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद से जहां एक ओर इसके समर्थन और विरोध में देश में विवाद खड़ा हो गया है। वहीं अब माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के सीईओ ने इसे भारत की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए फायदेमंद बताया है। दरअसल उन्होंने सोमवार को मैनहट्टन में माइक्रोसॉफ्ट के एक कार्यक्रम के दौरान सीएए पर अपना विचार रखते हुए कहा कि भारत में सीएए को लेकर जो भी हो रहा है वो दुखी कर देने वाली बात है। उन्होंने कहा कि आप्रवासियों को मौका मिलने से भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा।
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इसके साथ ही सत्य नडेला ने कहा, 'मैं तो चाहूंगा कि बांग्लादेशी अप्रवासी जो भारत आता है, वह भारत में अगली करोड़ों डॉलर की सॉफ्टवेयर कंपनी (Next Unicorn) खोले या इंफोसिस का अगला CEO बने।' बता दें कि IT क्षेत्र में यूनिकॉर्म कंपनी शब्द का प्रयोग उस कंपनी के लिए किया जाता है, जिसकी कुल वैल्यू 1 अरब डॉलर से ज्यादा हो जाती है।
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने की नडेला की तारीफ़:
वहीं सत्य नडेला के इस बयान की भारत के जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने तारीफ़ करते हुए ट्वीट किया, 'मुझे खुशी है कि सत्य नडेला ने वह कहा जो उन्हें कहना चाहिए था। मैं चाहता हूं कि हमारे अपने भी IT सेक्टर के बड़े लोग साहस और बुद्धिमानी के साथ इसे सबसे पहले कहने का साहस दिखाएं।या इसे अभी बोलें।'
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गौरतलब है कि रामचंद्र गुहा पहले भी नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं।रामचंद्र गुहा ने सीएए को भारत के संविधान के खिलाफ बताया है। वहीं पिछले महीने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने को लेकर उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया था।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून:
केंद्र सरकार ने नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया है। जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी। अभी तक उन्हें अवैध शरणार्थी माना जाता था।इस कानून का लाभ अब शरणार्थियों को मिल सकेगा।