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केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ का बड़ा खुलासा, चीनी सैनिकों पर बताई ये बड़ी बात

लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प के बाद खबर आई थी कि चीन ने पकड़े 10 भारतीय सैनिकों को छोड़ा है। अब इस बीच केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वी के सिंह ने सनसनीखेज खुलासा किया है।

Dharmendra kumar
Published on: 20 Jun 2020 6:44 PM GMT
केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ का बड़ा खुलासा, चीनी सैनिकों पर बताई ये बड़ी बात
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नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प के बाद खबर आई थी कि चीन ने पकड़े 10 भारतीय सैनिकों को छोड़ा है। अब इस बीच केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वी के सिंह ने सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि चीन ने ही भारत के सैनिक नहीं लौटाए, बल्कि भारत ने भी चीन के सैनिक वापस भेजे हैं।

वी के सिंह ने एक न्यूज के साथ इंटरव्यू में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने कुछ भारतीय सैनिकों को पकड़ लिया था और उन्हें लौटाया है। इसी तरह हमने भी चीन के कुछ सैनिकों को पकड़ा था और फिर उन्हें लौटा दिया गया।

चीन के दोगुने सैनिक मारे गए

पूर्व आर्मी चीफ ने कहा इस झड़प में चीन के दोगुने सैनिक मार गिराए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे 20 शहीद हुए हैं तो चीन के इससे ज्यादा सैनिक मारे गए हैं, हालांकि चीन यह नहीं बताएगा। वह हर चीज को छिपाया जाते हैं। वहां चीन के दोगुने से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। सिंह ने कहा कि हमारे सैनिकों ने बदला लेकर शहादत दी है।

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गौरतलब है कि लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 15 जून की रात हिंसक झड़प हुई थी। इसमें एक कर्नल समेत भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन को भी इसमें भारी नुकसान हुआ और उसके 43 सैनिक मारे गए थे। हालांकि चीन ने आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है। इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति है।

पेट्रोल प्वाइंट 14 अब भी हमारे पास

गलवान घाटी में मौजूदा स्थिति के बारे में पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने बताया कि गलवान घाटी का जो इलाका भारत के पास था, वो अब भी हमारे पास है। उन्होंने कहा कि झगड़े की जड़ पेट्रोल प्वाइंट 14 है जो अब भी भारत के नियंत्रण में है। गलवान घाटी का एक हिस्सा उनके पास है और एक हिस्सा अब भी हमारे पास है। चीन 1962 से वहां बैठा है लेकिन हम भी वहां से नहीं हिले हैं।

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वीके सिंह ने कहा कि हम अपनी तरफ थे और वे अपनी तरफ। फिर कोई हमारी तरफ से उधर गया और कोई वहां से इधर आया। हमें यह सब जानकारी शेयर करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हर किसी को यह जानने की जरूरत नहीं है।

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गलवान घाटी इसलिए है अहम

पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास स्थित गलवान घाटी क्षेत्र सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है। इस क्षेत्र में एलएसी पर कोई विवाद नहीं रहा है, लेकिन चीन अब पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा ठोक रहा है। चीन को डर है कि इस इलाके में भारत की मजबूत स्थिति से उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गलवान सेक्टर बेहद संवेदनशील है, क्योंकि एलएसी के नजदीक डीएस-डीबीओ रोड से जुड़ता है।

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