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Capf के कितने जवानों को मिली 100 दिनों की छुट्टी, सूचना देने पर गृह मंत्रालय का इंकार
गृह मंत्रालय ने कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन से आरटीआई एक्ट के तहत जो जानकारी मांगी, उसे देने से मना कर दिया है। ऐसे में इसमें ये पूछा गया था कि केंद्रीय सुरक्षा बलों के कितने जवानों को एक साल में 100 दिन की छुट्टी मिली है।
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन से आरटीआई एक्ट के तहत जो जानकारी मांगी, उसे देने से मना कर दिया है। ऐसे में इसमें ये पूछा गया था कि केंद्रीय सुरक्षा बलों के कितने जवानों को एक साल में 100 दिन की छुट्टी मिली है। वहीं एसोसिएशन ने दूसरी आरटीआई में सीआईएसएफ(CISF) से जवानों के वार्षिक अवकाश को लेकर जानकारी मांगी थी। इस बारे में संबंधित बल ने भी यह सूचना देने से इंकार कर दिया।
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आत्महत्या करने के मामले बढ़े
ऐसे में एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह का कहना है कि दोनों ही मामलों में आरटीआई एक्ट 2005 की धारा-24 व सब सेक्शन-2 को ढाल के तौर पर इस्तेमाल किया गया। इस एक्ट में कहा गया है कि सुरक्षा बलों को भ्रष्टाचार व मानव अधिकारों के अतिक्रमण को छोड़कर अन्य सूचना देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
आगे महासचिव रणबीर सिंह ने भारत सरकार से मांग की है कि केंद्रीय सुरक्षा बलों में जवानों द्वारा आत्महत्या करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं, इस बाबत श्वेत पत्र जारी किया जाए।
फोटो-सोशल मीडिया
इसके साथ ही एसोसिएशन के अनुसार, यह आरटीआई दिनांक 28 जनवरी 2021 को लगाई गई थी। दिसंबर 2019 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब सीआरपीएफ की नई बिल्डिंग का नींव पत्थर रखने पहुंचे थे, तो उस दौरान उन्होंने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए एक अहम घोषणा की थी।
इस पर उन्होंने कहा था, ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है, जिसके अंतर्गत केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान 100 दिन की छुट्टी अपने परिजनों के साथ बिता सकेंगे।
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सौ दिन की छुट्टी कैसे संभव
बता दें, इन बलों में सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी व असम राइफल्स शामिल हैं। इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय में लगाई गई आरटीआई के जरिए यह पूछा गया कि कितने जवानों को वर्ष 2020 के दौरान 100 दिन का वार्षिक अवकाश दिया गया है।
साथ ही सीआईएसएफ से ये भी जानना चाहता है कि मौजूदा समय में जवानों को मात्र 30 दिन का वार्षिक अवकाश मिलता है, तो ऐसे में सौ दिन की छुट्टी कैसे संभव होगी। इसके लिए जवानों को पहले 60 दिन का वार्षिक अवकाश देना पड़ेगा।
ऐसे में रणबीर सिंह कहते हैं, भारतीय सेनाओं के तीनों अंगों व केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में (सीआईएसएफ को छोड़कर) 60 दिन का वार्षिक अवकाश मिलता है। अगर आकस्मिक छुट्टियों की बात की जाए तो सेना के तीनों अंगों में 30 दिन का आकस्मिक अवकाश दिया जाता है।
वहीं दूसरी तरफ, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को मात्र 15 दिन का आकस्मिक अवकाश देने का प्रावधान है। आरटीआई के माध्यम से यह भी पूछा गया कि क्या सीआईएसएफ जवानों को 30 दिन की बजाय 60 दिन का वार्षिक अवकाश दिया जाएगा।
एसोसिएशन के महासचिव का कहना है कि यह सीधे तौर पर मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा मामला है। केंद्रीय सुरक्षा बलों में कम छुट्टियों, अफसरशाही का गलत रवैया व अन्य घरेलू कारणों के चलते इन सुरक्षा बलों में पिछले छह वर्षों के दौरान 700 कार्मिकों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आए हैं।
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