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अतीक-अशरफ की हत्या के बाद बढ़ी सख्ती, हर न्यूज चैनल की खंगाली जाएगी कुंडली...माइक-आईडी पर ये होगा नियम !

Ministry of I&B strict on news channels: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जल्द ही बड़ा कदम उठा सकता है। जिसके तहत नकली पत्रकारों और फर्जी चैनलों की माइक, आईडी लेकर घूमने वाले मीडिया कर्मियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।

Aman Kumar Singh
Published on: 19 April 2023 2:21 AM IST (Updated on: 18 April 2023 12:46 PM IST)
अतीक-अशरफ की हत्या के बाद बढ़ी सख्ती, हर न्यूज चैनल की खंगाली जाएगी कुंडली...माइक-आईडी पर ये होगा नियम !
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Ministry of I&B strict on news channels: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पत्रकारों के रूप में आए हमलावरों ने गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया। जिसके बाद केंद्र सरकार सख्त है। ऐसी खबर है कि, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) जल्द ही बड़ा कदम उठा सकता है। जिसके तहत नकली पत्रकारों और फर्जी चैनलों की माइक, आईडी लेकर घूमने वाले मीडिया कर्मियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।

जानकारी ये भी प्राप्त हो रही है कि, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा पंजीकृत डिजिटल पोर्टल (Registered Digital Portal) या यूट्यूब चैनल (Youtube channel) ही अपने पत्रकारों को माइक, आईडी जारी कर सकेंगे। केंद्र सरकार इस जरिये फर्जी चैनलों पर नकेल कसने की तैयारी में है। बता दें, फर्जी चैनलों की वजह से ही पत्रकारों की पहचान में आए दिन दिक्कत पेश आती है।

हर छोटे-बड़े न्यूज़ चैनल की कुंडली खंगाली जाएगी

आपको ये भी बता दें कि यूटयूब पर चलने वाले अधिकांश न्यूज़ चैनल बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहे हैं। कोई भी व्यक्ति खुद को संपादक और पत्रकार बताकर चैनल शुरू कर देता है। लेकिन, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की योजना है कि अब ऐसा नहीं चल पाएगा। बताया तो ये भी जा रहा है कि, हर छोटे-बड़े चैनल की कुंडली खंगाली जाएगी और जरूरत पड़ने पर एक्शन भी लिया जाएगा। सूचना प्रसारण मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार, बिना पंजीकरण वाले पोर्टल अवैध माने जाएंगे।

लखनऊ में मीडिया कर्मियों से मांगे जा रहे आईडी

उत्तर प्रदेश में इन दिनों निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज है। राजनीतिक दलों के साथ-साथ तमाम समाचार चैनल, पोर्टल और अख़बार के पत्रकार जहां-तहां कवरेज में मशगूल हैं। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में असर दिखने लगा है। सोमवार (17 अप्रैल) को लखनऊ में कवरेज के लिए गए पत्रकारों की गहनता से आईडी की जांच की गई। जिससे कई मीडिया कर्मियों को तकलीफ भी उठानी पड़ी।

फ़िल्मी अंदाज में हुई हत्या

पुलिस कस्टडी में स्वास्थ्य जांच के लिए 15 अप्रैल देर रात प्रयागराज के काल्विन अस्पताल ले जाते समय माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल कॉलेज के पास मीडिया कर्मी बनकर आए 3 बाइक सवार शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ का अंत बिलकुल फिल्मी अंदाज में हुआ। जिसके बाद से पत्रकारों और मीडिया के प्रवेश और असली नकली आईडी आदि को लेकर बहस छिड़ गई है।



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Aman Kumar Singh

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