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BJP Mission 2024: मुस्लिमों में पैठ बढ़ाने के लिए भाजपा की नई रणनीति,'मन की बात' का उर्दू संस्करण बांटने की तैयारी

BJP Mission 2024: सियासी जानकारों का मानना है कि भाजपा को राजनीतिक दृष्टि से और मजबूत बनाने और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में पार्टी की पैठ बढ़ाने के लिए इस रणनीति को अपनाया जा रहा है।

Anshuman Tiwari
Published on: 23 March 2023 5:40 PM IST
BJP Mission 2024: मुस्लिमों में पैठ बढ़ाने के लिए भाजपा की नई रणनीति,मन की बात का उर्दू संस्करण बांटने की तैयारी
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PM Mann Ki Baat (photo: social media )

BJP Mission 2024: मिशन 2024 की तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी ने मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से समाज के हर वर्ग तक पहुंचने की अपील की थी। पार्टी अब उस अपील को अमली जामा पहनाने की कोशिश में जुट गई है।

इसी सिलसिले में अब प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' का उर्दू संस्करण मुस्लिमों के बीच बांटने की तैयारी है। सियासी जानकारों का मानना है कि भाजपा को राजनीतिक दृष्टि से और मजबूत बनाने और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में पार्टी की पैठ बढ़ाने के लिए इस रणनीति को अपनाया जा रहा है। भाजपा की ओर से पसमांदा मुसलमानों को रिझाने की कोशिशें पहले ही शुरू की जा चुकी हैं। 2024 की सियासी जंग नजदीक आने के साथ पार्टी अब नई रणनीति पर भी अमल करने जा रही है।

मुस्लिमों में पैठ बढ़ाने पर पीएम मोदी का जोर

2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। 2024 की सियासी जंग में एक बार फिर अपनी ताकत दिखाने के लिए भाजपा पहले से ही तैयारियों में जुटी हुई है। इस सियासी जंग के दौरान उत्तर प्रदेश को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा विपक्षी दलों को पटखनी देते हुए लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश की सत्ता पर कब्जा बनाए रखने में कामयाब रही थी।

उस समय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी का दायरा अल्पसंख्यकों तक विस्तृत करने पर जोर दिया था। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान भी पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया था कि हमें समाज के सभी वर्गों तक अपनी पहुंच बनानी होगी। भले ही उस वर्ग का वोट हमें मिलता हो या नहीं। इस सिलसिले में पार्टी की ओर से पसमांदा सम्मेलनों और भाईचारा रैलियों का आयोजन पहले से ही किया जा रहा है। अब भाषाई संवाद के जरिए भी मुस्लिमों में पैठ बनाने की तैयारी है।

'मन की बात' का उर्दू संस्करण बांटने की तैयारी

उत्तर प्रदेश में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' को अल्पसंख्यकों तक पहुंचाने के लिए बड़ी तैयारी की गई है। प्रधानमंत्री मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को 'मन की बात' के जरिए देशवासियों के साथ जुड़ते हैं। अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से पिछले एक वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' का उर्दू में अनुवाद कराकर एक किताब की शक्ल दी गई है। 130 से अधिक पेजों वाली इस किताब में 'मन की बात' के 12 संस्करणों को शामिल किया गया है।

अब मोर्चा की ओर से प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाकों में इन किताबों का वितरण करने की तैयारी है। मुस्लिम बहुल इलाकों में भाजपा की अभी तक काफी कमजोर स्थिति रही है। अल्पसंख्यक मोर्चा के इस कदम के जरिए मुस्लिम बहुल इलाकों में भाजपा की पैछ बढ़ाने की तैयारी है।

भाजपा के सूत्रों के मुताबिक इन किताबों का वितरण मदरसों, बुद्धिजीवियों और खासतौर पर मुस्लिम युवाओं के बीच किया जाएगा। 'मन की बात$ में प्रधानमंत्री मोदी की ओर से सरकार की नीतियों और उपलब्धियों का विशेष तौर पर चर्चा की जाती रही है। भाजपा के थिंक टैंक का मानना है कि इस कदम के जरिए सरकार की नीतियों और उपलब्धियों की जानकारी मुस्लिम वर्ग तक पहुंचाने में बड़ी कामयाबी मिल सकती है।

उत्तर प्रदेश के लिए पार्टी की विशेष तैयारी

लोकसभा चुनाव के नतीजों में उत्तर प्रदेश की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। दिल्ली की सत्ता का फैसला करने में उत्तर प्रदेश के नतीजे निर्णायक भूमिका अदा करते रहे हैं क्योंकि यहां पर लोकसभा की 80 सीटें हैं। उत्तर प्रदेश में सवर्ण और ओबीसी वोट बैंक की मदद से भाजपा सियासी रूप से पहले ही काफी मजबूत स्थिति में दिख रही है। ऐसे में अगर पार्टी मुस्लिम वर्ग का थोड़ा बहुत वोट भी हासिल करने में कामयाब होती है तो पार्टी को बड़ी कामयाबी मिल सकती है।

हाल में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों और रामपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली कामयाबी के बाद पार्टी के हौसले बुलंद हुए हैं। इसी कारण पार्टी की ओर से मुस्लिम बहुल इलाकों पर अब विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि यदि भाजपा की यह रणनीति कारगर साबित हुई तो विपक्षी दलों की सियासी राह और मुश्किल हो सकती है।



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Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

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