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Mission 2024: विपक्ष की एकजुटता में फंसा बड़ा पेंच, कांग्रेस के कई नेताओं को आप का साथ मंजूर नहीं
Mission 2024: नेताओं का साफ तौर पर मानना है कि केजरीवाल के साथ सहानुभूति रखने या उनका साथ देने की कोई आवश्यकता नहीं है।
Mission 2024: देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी की एकजुटता को आसान नहीं माना जा रहा है। विपक्षी गठबंधन में आम आदमी पार्टी को शामिल करने के संकेत के बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं ने तीखा विरोध शुरू कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन समेत दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं को आप का साथ मंजूर नहीं है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से सीबीआई की पूछताछ से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से केजरीवाल को फोन करके एकजुटता जाहिर करने का कदम कांग्रेस के कई नेताओं को काफी नागवार गुजरा है।
कांग्रेस नेताओं को मंजूर नहीं आप का साथ
इन नेताओं का साफ तौर पर मानना है कि केजरीवाल के साथ सहानुभूति रखने या उनका साथ देने की कोई आवश्यकता नहीं है। इन नेताओं के तेवर से साफ हो गया है कि पार्टी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनसीपी के मुखिया शरद पवार की ओर से विपक्षी दलों को एकजुट बनाने का सपना पूरा होना आसान नहीं है। कांग्रेस के कई नेताओं ने खुलकर कहा है कि उन्हें आप का साथ किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। ऐसे में 2024 की सियासी जंग में विपक्षी एकता में बड़ा पेंच फ॔सता हुआ दिख रहा है।
दिल्ली शराब घोटाले में कार्रवाई का समर्थन
पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने पार्टी अध्यक्ष खड़गे की ओर से उठाए गए कदम का विरोध करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में फंसे हुए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री केजरीवाल या उनके अन्य सहयोगियों के खिलाफ सहानुभूति रखने या उन्हें समर्थन देने की कोई आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली के शराब घोटाले की गहन जांच पड़ताल जरूरी है और इस जांच पड़ताल के बाद दोषियों को सजा दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने भ्रष्ट तरीकों से धन हासिल किया है और इस धन का इस्तेमाल गोवा,पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और दिल्ली के चुनावों में किया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को इस सच्चाई को जानना चाहिए।
लोकपाल विधेयक से केजरीवाल की मंशा उजागर
माकन ने अन्ना आंदोलन और लोकपाल विधेयक का जिक्र करते हुए भी केजरीवाल पर हमला बोला। उन्होंने याद दिलाया कि केजरीवाल ने मजबूत लोकपाल विधेयक का वादा किया था मगर दिसंबर 2015 में लोकपाल विधेयक का बहुत कमजोर संस्करण पेश किया।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल के इस कदम से उनका असली चरित्र और मंशा उजागर होती है। उन्होंने कांग्रेस से जुड़े वकीलों से भी केजरीवाल का केस न लड़ने की अपील की। माकन की यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ही केजरीवाल के अदालती मामले देख रहे हैं।
अलका लांबा और संदीप दीक्षित ने भी किया विरोध
दिल्ली कांग्रेस में सिर्फ अजय माकन ही नहीं बल्कि कांग्रेस के कई और प्रमुख चेहरे भी केजरीवाल के साथ किसी भी प्रकार का गठबंधन करने का विरोध कर रहे हैं। संदीप दीक्षित और अलका लांबा जैसे नेताओं ने केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और दिल्ली शराब घोटाले के संबंध में केजरीवाल से पूछताछ और मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का खुलकर समर्थन किया है।
अलका लांबा ने केजरीवाल के पुराने बयानों का जिक्र करते हुए सवाल किया कि सोनिया गांधी पर की गई टिप्पणी के बाद केजरीवाल का समर्थन कैसे किया जा सकता है? संदीप दीक्षित ने भी माकन के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए केजरीवाल से गठबंधन पर सवाल उठाए हैं।
विपक्षी गठबंधन की राह में रोड़ा
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस को भारी झटका दिया है और कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग आप के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ने के पक्ष में है। उनका कहना है कि दो राज्यों में कांग्रेस को भारी सियासी नुकसान पहुंचाने वाली पार्टी के साथ गठबंधन उचित कदम नहीं होगा। एक कांग्रेस नेता ने तो यहां तक कह डाला कि पार्टी अध्यक्ष खड़गे शायद उन जवानों को भूल गए हैं जो केजरीवाल की ओर से कांग्रेस नेताओं के संबंध में समय-समय पर दिए गए हैं।
कांग्रेस नेताओं की ओर से विरोध किए जाने के बाद अब आम आदमी पार्टी को विपक्षी महागठबंधन में शामिल करने के मुद्दे पर सवाल खड़े होने लगे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और एनसीपी नेता शरद पवार की ओर से हाल के दिनों में विपक्ष का मजबूत गठबंधन बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गई है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं की ओर से खड़े किए जा रहे सवाल विपक्षी गठबंधन की राह में बड़ा रोड़ा बनते दिख रहे हैं।