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Wheat Import: महंगाई की मार: रूस से गेहूं आयात संभव, वर्षों बाद ऐसे हालात

Wheat Import From Russia: भारत ने वर्षों से राजनयिक सौदों के माध्यम से गेहूं का आयात नहीं किया है। पिछली बार भारत ने 2017 में बड़ी मात्रा में गेहूं का आयात किया था। उस समय निजी व्यापारियों ने 53 लाख मीट्रिक टन का आयात किया था।

Neel Mani Lal
Published on: 18 Aug 2023 10:59 PM IST
Wheat Import: महंगाई की मार: रूस से गेहूं आयात संभव, वर्षों बाद ऐसे हालात
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Wheat Import From Russia (Pic: Social Media)

Wheat Import From Russia: अगले साल कई राज्यों में विधानसभा चुनावों के अलावा लोकसभा के भी चुनाव होने हैं। लेकिन महंगाई की स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में आपूर्ति बढ़ाने और खाद्य मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए एक दुर्लभ कदम के रूप में गेहूं आयात करने के लिए रूस के साथ बातचीत की जा रही है। सीमित आपूर्ति के कारण भारत में गेहूं की थोक कीमतें दो महीनों में लगभग 10 फीसदी बढ़कर अगस्त में सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं हैं। बीते 1 अगस्त को सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक 28.3 मिलियन टन था, जो 10 साल के औसत से 20 फीसदी कम है।

रायटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक आयात करके सरकार गेहूं की कीमतों को कम करने के लिए बाजार में अधिक प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप कर सकेगी। बता दें कि जुलाई में मुद्रास्फीति दर 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार निजी और सरकारी सौदों के माध्यम से आयात की संभावना तलाश रही है। निर्णय सावधानी से लिया जाएगा।

2017 में हुआ था गेहूं आयात

भारत ने वर्षों से राजनयिक सौदों के माध्यम से गेहूं का आयात नहीं किया है। पिछली बार भारत ने 2017 में बड़ी मात्रा में गेहूं का आयात किया था। उस समय निजी व्यापारियों ने 53 लाख मीट्रिक टन का आयात किया था। रूसी गेहूं आयात करने की सरकार की योजना ईंधन, अनाज और दाल जैसी प्रमुख वस्तुओं की कीमतों को कम करने के लिए सप्लाई बढ़ाने के उपायों में से एक है।

गेहूं का स्टॉक कम

हालांकि भारत को कमी को पूरा करने के लिए केवल 30 से 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवश्यकता है, लेकिन कीमतों पर अधिक प्रभाव डालने के लिए रूस से 80 से 90 लाख टन गेहूं आयात करने पर विचार कर किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक अंतिम निर्णय कब होगा ये कहा नहीं जा सकता।

पिछले साल यूक्रेन में युद्ध के बाद से रूस मुख्य रूप से भारत द्वारा रियायती तेल खरीद के कारण भारत का दूसरा सबसे बड़ा कमोडिटी विक्रेता बन गया है। सूत्रों के अनुसार, रूस ने मौजूदा बाजार कीमतों पर छूट की पेशकश करने की इच्छा व्यक्त की है। रूस से खाद्य वस्तुओं के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है।भारत रूस से सूरजमुखी तेल भी आयात कर रहा है और डॉलर में भुगतान का निपटान कर रहा है और उसी दृष्टिकोण का उपयोग आगे करने की योजना है।



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Neel Mani Lal

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