×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बिजली कंपनियों के लिए बड़ा पैकेज जल्द, शीर्ष स्तर पर चल रहा मंथन

कोरोना संकट के कारण घोषित लॉकडाउन ने बिजली कंपनियों की भी हालत खस्ता कर दी है। लॉकडाउन के कारण आम आदमी ही नहीं परेशान है बल्कि पावर कंपनियां भी गहरे संकट में फंस गई हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 21 April 2020 11:43 PM IST
बिजली कंपनियों के लिए बड़ा पैकेज जल्द, शीर्ष स्तर पर चल रहा मंथन
X

नई दिल्ली: कोरोना संकट के कारण घोषित लॉकडाउन ने बिजली कंपनियों की भी हालत खस्ता कर दी है। लॉकडाउन के कारण आम आदमी ही नहीं परेशान है बल्कि पावर कंपनियां भी गहरे संकट में फंस गई हैं। बिजली बिल के कलेक्शन में तेज गिरावट, नकदी की किल्लत और अपरिवर्तित टैरिफ से पावर कंपनियों का बैलेंस शीट काफी बिगड़ गई है। पावर कंपनियों को संकट से उबारने के लिए सरकार बिजली क्षेत्र के लिए 70000 करोड़ रुपए के वित्तीय पैकेज पर काम कर रही है। शीर्ष स्तर पर इस पैकेज को लेकर मंथन चल रहा है और जल्द ही इसका एलान किया जा सकता है।

लॉकडाउन से बढ़ा कंपनियों का संकट

देश में पहले चरण का लॉकडाउन घोषित होने के बाद हालात सुधरने की उम्मीद जताई जा रही थी मगर दूसरे चरण का लॅकडाउन घोषित होने से बिजली कंपनियों का संकट बढ़ गया है। दूसरे चरण का यह लॉकडाउन तीन मई को समाप्त होने वाला है। इस देशव्यापी लॉकडाउन के कारण फैक्ट्रियों पर ताले पड़े हुए हैं, निर्माण गतिविधियां पूरी तरह ठप पड़ी हुई है और बड़े शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, रेस्तरां‌ व दुकानें भी बंद हैं। इसका असर बिजली कंपनियों पर भी दिख रहा है।

यह भी पढ़ें...कोरोना संकट: चीन ने अमेरिका पर बोला जोरदार हमला, पूछे तीखे सवाल

बिजली की मांग में गिरावट दर्ज

पिछले सालों में गर्मी बढ़ने के साथ ही पीक आवर्स में बिजली की मांग पूरा करने में पसीने छूट जाते थे मगर इस बार उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों के कई क्षेत्रों में 40 डिग्री तापमान होने के बावजूद पीक आवर्स में बिजली की मांग में तेजी से गिरावट आई है। माना जा रहा है कि देशव्यापी लॉकडाउव के कारण बिजली की मांग में यह गिरावट दर्ज की जा रही है।

यह भी पढ़ें...दिल्ली में है मौलाना साद, बोला- प्रशासन को मरकज के बारे में पहले से थी जानकारी

बिल के कलेक्शन में भारी गिरावट

पिछले साल अप्रैल महीने से तुलना की जाए तो बिजली की खपत 165 168 गीगावाट की तुलना में वर्तमान में बिजली की खपत बैठकर 125 गीगावाट हो गई है। इस कारण बिजली बिल के संग्रह में भी भारी गिरावट आई है। पिछले साल 30-45 दिन के चक्र के दौरान बिजली बिल का संग्रह करीब 55000 करोड़ रुपए था वहीं पिछले 30 दिनों के दौरान औसत संग्रह घटकर 12000 करोड़ रुपए पर आ गया है।

यह भी पढ़ें...खुशखबरी: यहां तैयार हुआ देश का पहला महुआ से बना हर्बल सैनिटाइजर

जल्द हो सकता है पैकेज का एलान

जानकार सूत्रों ने बताया कि इसी कारण केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय अब बिजली कंपनियों के लिए 70000 करोड़ रुपए के वित्तीय पैकेज पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है। बिजली कंपनियों को मदद पहुंचाने के लिए जल्द ही इस पैकेज का एलान किया जा सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार के इस कदम से बिजली कंपनियों को काफी मदद मिलेगी।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story