×

देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी बिकने के कगार पर, जानें पूरा मामला

बीते साल केंद्र की मोदी सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में अपनी हिस्‍सेदारी बेचने का ऐलान किया था। ताजा घटनाक्रम में सरकार की ओर...

Deepak Raj
Published on: 7 March 2020 2:08 PM GMT
देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी बिकने के कगार पर, जानें पूरा मामला
X

नई दिल्ली। बीते साल केंद्र की मोदी सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में अपनी हिस्‍सेदारी बेचने का ऐलान किया था। ताजा घटनाक्रम में सरकार की ओर से बोलियां यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रस्ट (EoI) आमंत्रित की गई हैं।

ये भी पढ़ें-मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी, देश छोड़कर भागे इस घोटालेबाज को लाया गया भारत

मतलब ये कि बीपीसीएल में हिस्‍सेदारी खरीदने के लिए निवेशकों को एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रस्ट देना होगा। इससे ये मालूम होता है कि कौन-कौन सी कंपनियां या निवेशक बोली लगाने को इच्‍छुक हैं।

ये बोली दो स्तर की होंगी, जिसमें पहले एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रस्ट में योग्य पाई गई कंपनियों को दूसरे राउंड में बोली लगाने के लिए कहा जाएगा।

कुल 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है

दस्तावेज के मुताबिक, इसमें पब्‍लिक सेक्‍टर की कंपनियां भाग नहीं ले सकती हैं। बता दें कि सरकार भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में अपनी कुल 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। अगर शेयर के हिसाब से बात करें तो सरकार अपने कुल 114.91 करोड़ इक्विटी शेयर बेचेगी।

इसके अलावा सरकार ने रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया के प्रबंधन और इस विषय पर सलाह देने के लिए डेलोइट टोशे टोमात्सु इंडिया एलएलपी को अपने सलाहकार के रूप में अनुबंधित किया है।फिलहाल, BPCL का बाजार पूंजीकरण 87,388.35 करोड़ रुपये है। वहीं सरकार ने 2020-21 में विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

55 से 65 हजार करोड़ रुपये तक मिलने की उम्मीद है

इस वक्त भारत पेट्रोलियम का मार्केट केपेटालाइजेशन लगभग 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये के आसपास है! मोदी सरकार चाहती है वह अपनी साढ़े 53 फीसदी भागीदारी मार्केट में बेच दे, इससे उसे करीब 55 से 65 हजार करोड़ रुपये तक मिलने की उम्मीद है।

ये भी पढ़ें-होली के त्योहार पर बेरंग हुई केंद्र सरकार की ट्रेन व्यवस्था

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम होने की सूरत में उनसे पीएसयू का टैग स्वतः ही हट जाएगा। और ओएनजीसी, आइओसी, गेल और एनटीपीसी समेत कई महारत्न और नवरत्न कंपनियां जल्द ही स्वतंत्र बोर्ड द्वारा संचालित कंपनियां बन जायेगी।

Deepak Raj

Deepak Raj

Next Story