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सिंधिया को मिलेगा बड़ा पदः मोदी सरकार दे सकती है इनको अहम जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश की सियासी घटनाक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया एक धुरी बन कर उभरे हैं। सिंधिया के इस्तीफे के बाद प्रदेश में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदला है।...
भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासी घटनाक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया एक धुरी बन कर उभरे हैं। सिंधिया के इस्तीफे के बाद प्रदेश में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदला है। जहां प्रदेश भाजपा इस बात को लेकर आश्वस्त है की अब मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनना तय माना जा रहा है।
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जिसका कारण ये है की सिंधिया के साथ लगभग 20 विधायक हैं। जिनके इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी। लेकिन अभी तक स्पीकर ने सिर्फ छह विधायक के इस्तीफे को स्वीकार किया था जो राज्य की कमलनाथ सरकार में मंत्री भी हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सदस्य हैं...
आप को बता दें की मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सदस्य हैं जिनमें कांग्रेस के पास 114, भाजपा के पास 107 बसपा-2 सपा-1 और निर्दलीय के 4 विधायक हैं। विधानसभा में बहुमत के लिए 116 सदस्यों की जरुरत होती है। लेकिन सिंधिया गुट के विधायकों की इस्तीफा स्वीकार कर ली गई तो। कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी, और कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ सकता है।
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सिंधिया के केंद्र में मंत्री बनने की अटकले तेज...
आप को बता दें सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद उनके केंद्र में मंत्री बनने की अटकले तेज हो गई है। सिंधिया इससे पहले भी यूपीए सरकार में मंत्री रहे थे। वे 2008 में सूचना प्रोद्योगिकी राज्यमंत्री, 2009 में वाणिज्य व उद्योग राज्यमंत्री व 2014 में कांग्रेस की सत्ता जाने के बाद वे लोकसभा में पार्टी के चीफ व्हीप भी रहें थे।
सिंधिया को मंत्रिमंडल में रख सकती है मोदी सरकार
अतः उनके तजुर्बा, वाकपटुता व कार्यक्षमता को देखते हुए मोदी सरकार ये जरुर सोच रही होगी की पार्टी को राज्यसभा में डिफेंड करने के लिए एक यूवा व तेज-तर्रार नेता मिल गया है। मोदी सरकार सिंधिया को मंत्रिमंडल में रख अपनी सरकार को और धार देना चाहती है।
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वहीं दुसरी ओर भाजपा ये भी सोच रही होगी की पार्टी की तरफ से राज्यसभा अथवा लोकसभा में विपक्ष को करारा जवाब देने के लिए सिंधिया सबसे उपयुक्त नेता होंगे। वहीं कांग्रेस सिंधिया पर खुल कर हमलावर भी नहीं हो सकती है। और एक पाक-साफ छवि वाला नेता भी मिल गया हैं। जिससे मध्य प्रदेश के भिंड़, मुरैना व ग्वालियर जैसे क्षेत्रों में भाजपा मजबूत होगी।
भिंड़, मुरैना व ग्वालियर जैसे क्षेत्रों में भाजपा मजबूत होगी...
आप को बता दें की ज्योतिरादित्य सिंधिया का खानदान शुरू से ही राजनीति में सक्रिय रहा हैं। जहां इनके दो बुआ भाजपा में है तो उनके पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं और वे मध्य प्रदेश की राजनीति में काफी अहमियत रखते थे। उनके पिता में कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे थे। वे कई