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थोड़ी देर में आएगा आर्थिक सर्वे, इन सेक्टर्स पर फोकस की उम्मीद
देश की आर्थिक सेहत देखने के लिए आर्थिक सर्वे की मदद ली जाती है। अर्थव्यवस्था को कितनी हानि हुई या कितना लाभ मिला, इसका पता भी आर्थिक सर्वे से चलता।
नई दिल्ली: आज संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आर्थिक सर्वे पेश होगा। संसद में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वे पेश करने वाली हैं। बता दें कि बजट से ठीक एक दिन पहले संसद में आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट पेश की जाती है। तो आईए, जानते हैं आर्थिक सर्वे के बारे में।
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क्या होता है आर्थिक सर्वे?
देश की आर्थिक सेहत देखने के लिए आर्थिक सर्वे की मदद ली जाती है। अर्थव्यवस्था को कितनी हानि हुई या कितना लाभ मिला, इसका पता भी आर्थिक सर्वे से चलता। साथ ही, आर्थिक सर्वे के जरिये केंद्र सरकार बताती है कि जनता के हित के लिए शुरू की गईं योजनाएं कैसा प्रदर्शन कर रही हैं और भविष्य में अर्थव्यवस्था के लिए कितनी बेहतर संभावनाएं हैं। बता दें कि 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्ण बजट पेश करेंगी।
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मुख्य आर्थिक सलाहकार जारी करते हैं सरकार का रिपोर्ट कार्ड
मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने इस बार मोदी सरकार का आर्थिक सर्वे तैयार किया है। हर बार आर्थिक सर्वे को वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार ही तैयार करते हैं। वैसे आर्थिक सर्वे को हम इकॉनमी का रिपोर्ट कार्ड भी कह सकते हैं। आर्थिक सर्वे अर्थव्यवस्था के पिछले एक साल के बारे में बताता है। यानि मुख्य आर्थिक सलाहकार अर्थव्यवस्था सरकार का रिपोर्ट कार्ड तैयार करते हैं।
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आर्थिक सर्वे में अर्थव्यवस्था के पिछले एक साल के बारे में तो बताया ही जाता है. इसके साथ ही, अगले वित्तवर्ष के नीतिगत फैसलों के संकेत दिए जाते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे प्रमाणिक और संग्रहणीय दस्तावेज वित्त मंत्रालय का आर्थिक सर्वे माना जाता है।
सरकार के लिए ये सेक्टर्स हैं अहम
कयास लगाये जा रहे हैं कि इस बार मोदी सरकार के आर्थिक सर्वे में कुछ महत्वपूर्ण सेक्टर्स पर पूरा फोकस रहेगा। इसमें कृषि, नौकरी और निवेश सेक्टर्स अहम हैं। हर बार की तरह इंफ्रास्टक्चर, फिस्कल डेवलपमेंट, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर, निर्यात, उद्योग, अर्थव्यवस्था, मॉनेटरी मैनेजमेंट, कृषि, सेवा क्षेत्र और रोजगार पर फोकस रहता है।