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Modi Surname Case: गुजरात हाईकोर्ट से झटके के बाद अब क्या करेंगे राहुल गांधी,जानिए कांग्रेस नेता के पास क्या हैं विकल्प

Modi Surname Case: नई दिल्ली: मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। गुजरात हाईकोर्ट ने सूरत कोर्ट की ओर से राहुल गांधी को सुनाई गई दो साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 7 July 2023 12:46 PM IST (Updated on: 7 July 2023 12:46 PM IST)
Modi Surname Case: गुजरात हाईकोर्ट से झटके के बाद अब क्या करेंगे राहुल गांधी,जानिए कांग्रेस नेता के पास क्या हैं विकल्प
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Modi Surname Case: नई दिल्ली: मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। गुजरात हाईकोर्ट ने सूरत कोर्ट की ओर से राहुल गांधी को सुनाई गई दो साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। निचली अदालत के फैसले को सही मानते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाने की राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 केस पेंडिंग हैं और ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की कोई आवश्यकता नहीं है।
ऐसे में अब सवाल उठता है कि गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब राहुल गांधी के पास क्या विकल्प बचा है। जानकारों का मानना है कि हाईकोर्ट के फैसले से राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है और अब उन्हें आगे कानूनी लड़ाई लड़नी होगी। अब उनके पास गुजरात हाईकोर्ट की उच्च पीठ या फिर सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा हुआ है। जानकारों का कहना है कि अब इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। कांग्रेस की ओर से मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने का ऐलान भी किया गया है।

अब सुप्रीम कोर्ट में होगी कानूनी लड़ाई

सूरत की अदालत की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की ओर से गुजरात हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई थी। सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि फैसले के तुरंत बाद राहुल गांधी को जमानत भी मिल गई थी। फैसले के अगले दिन 24 मार्च को राहुल गांधी की संसद से सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी।
गुजरात हाईकोर्ट के आज के फैसले के बाद राहुल गांधी के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की स्थिति में राहुल गांधी की सांसदी बहाल हो जाएगी और वे 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव भी लड़ सकेंगे। अगर राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली तो उनके सियासी जीवन पर ग्रहण लग सकता है क्योंकि फिर वे आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

राहुल गांधी पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

गुजरात हाईकोर्ट से राहत न मिलने के कारण राहुल गांधी पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटकने लगी है। वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय का कहना है कि अभी कांग्रेस नेता के पास हाईकोर्ट की उच्च पीठ या फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का विकल्प खुला हुआ है। राहुल पहले बेल के लिए याचिका दायर करेंगे। अगर बेल की याचिका खारिज होती है तो निश्चित रूप से उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। उपाध्याय ने कहा कि यदि ऊपरी अदालत की ओर से राहुल गांधी को राहत नहीं मिली तो उनके लिए 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना मुश्किल हो जाएगा ऐसी स्थिति में राहुल गांधी अगले आठ साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

जल्द सुनवाई का अनुरोध कर सकते हैं राहुल

राहुल गांधी से जुड़ा यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर शीर्ष अदालत की ओर से जल्द सुनवाई की जा सकती है। शीर्ष अदालत की ओर से पहले भी इस तरह का कदम उठाया जा चुका है। राहुल गांधी को अयोग्य घोषित हुए चार महीने से अधिक समय बीत चुका है। ऐसे में राहुल गांधी की ओर से अनुरोध किया जा सकता है कि शीर्ष अदालत इस मामले में जल्द सुनवाई करे नहीं तो चुनाव आयोग की ओर से वायनाड में चुनाव प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बेंच बनाकर मामले की जल्द सुनवाई की दिशा में कदम उठा सकते हैं। डबल बेंच में मामला अटकने की स्थिति में इस महत्वपूर्ण मसले को बड़ी बेंच में भेजा जा सकता है। हाल में तीस्ता सीतलवाड़ के मामले में ऐसा ही हुआ था। अब ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि राहुल गांधी की ओर से शीर्ष अदालत में कब याचिका दाखिल की जाती है।

राहुल के खिलाफ क्या है मामला

दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी के एक भाषण पर बड़ा विवाद पैदा हो गया था। राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पूछा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी ही क्यों है? राहुल गांधी के इस बयान को लेकर भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत की कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था।

उनका कहना था कि राहुल गांधी ने यह बयान देकर मोदी सरनेम वाले सभी लोगों को बदनाम किया है। इस मामले में चली लंबी अदालती कार्यवाही के बाद गत 23 मार्च को सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुना दी थी। इस बयान को बड़ा मुद्दा बनाते हुए भाजपा ने राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की थी मगर राहुल गांधी ने माफी मांगने से इनकार कर दिया था।
सूरत कोर्ट की ओर से फैसला सुनाए जाने के बाद सांसदी रद्द होने पर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरते हुए बड़ा आरोप लगाया था। उनका कहना था कि केंद्र सरकार मेरी आवाज से डरी हुई है। इसलिए मेरी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना था कि केंद्र सरकार की ओर से चाहे जितने भी प्रयास किए जाएं मगर वे डरने वाले नहीं हैं।



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Anshuman Tiwari

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