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कश्मीर पर मोहन भागवत का बड़ा बयान, इस बात के लिए किया सर्तक

आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को दिल्‍ली में 30 से अधिक देशों के प्रतिष्ठित पत्रकारों से बातचीत की। मोहन भागवत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और इसकी विचारधारा, कार्यों एवं प्रासंगिक विषयों के बारे में विचार साझा किए।

Vidushi Mishra
Published on: 3 Jun 2023 1:14 PM GMT
कश्मीर पर मोहन भागवत का बड़ा बयान, इस बात के लिए किया सर्तक
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Mohan bhagvat

नई दिल्ली : आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को दिल्‍ली में 30 से अधिक देशों के प्रतिष्ठित पत्रकारों से बातचीत की। मोहन भागवत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और इसकी विचारधारा, कार्यों एवं प्रासंगिक विषयों के बारे में विचार साझा किए। इस बातचीत में संगठन के संबंध में विदेशी प्रेस की गलतफहमी को दूर करने की कोशिश भी की गई। दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में हुई इस चर्चा में 50 से अधिक मीडिया संगठनों के लगभग 80 से अधिक पत्रकारों ने शिरकत की।

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80 पत्रकारों ने भाग लिया

इस बैठक की शुरुआत भाषण से हुई हुआ और इसके बाद सवाल-जवाब का सत्र हुआ। इसमें 30 देशों के 50 संगठनों के 80 पत्रकारों ने भाग लिया। इस संवाद सत्र के दौरान सह सर-कार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी, सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य, कृष्ण गोपाल के अलावा वरिष्ठ प्रचारक कुलभूषण आहूजा आदि मौजूद थे।

Mohan bhagvat

यह संवाद लगभग ढाई घंटे चला। इसमें मोहन भागवत ने विदेशी मीडिया प्रतिनिधियों के साथ संघ के दृष्टिकोण एवं कार्य की जानकारी दी। इसके बाद विदेशी पत्रकारों ने भी संघ प्रमुख से विभिन्‍न विषयों पर चर्चा की।

चर्चा के दौरान आरएसएस संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को यह भरोसा दिलाना जरूरी है कि राज्य का स्पेशल स्टेटस खत्म किए जाने के बाद उनकी नौकरियों पर जमीन पर कोई खतरा नहीं है।

बातचीत में मोहन भागवत ने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के युवाओं के मन में नौकरी और जमीन को खोने का जो डर है, उसे दूर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों को यह भरोसा दिलाना होगा, कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से शेष भारत के साथ उनकी एकात्मता बढ़ेगी।

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लोगों के साथ संवाद की प्रक्रिया का एक हिस्सा

मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक विदेशी मीडिया से मोहन भागवत ने कहा कि अब तक कश्मीरियों को अलग-थलग रखा गया था, लेकिन 370 हटने के बाद अब शेष भारत के साथ उनके संपर्क और एकता की बाधाएं दूर हो गई हैं।

आरएसएस की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि यह कार्यक्रम संगठन की ओर से लगातार विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ संवाद की प्रक्रिया का एक हिस्सा था। कश्मीर में बाहरी लोगों के जमीन खरीदने के स्थानीय लोगों के डर को दूर करने की बात आरएसएस संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कही। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों के मन में नौकरी और जमीन छीने जाने के डर को खत्म किया जाए।

इसके बाद असम में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस के मुद्दे पर भी मोहन भागवत ने कहा कि यह लोगों को निकालने के लिए नहीं है बल्कि नागरिकों की पहचान के लिए है।

मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने कहा, 'भारत को छोड़कर दुनिया में हिंदुओं के लिए कोई दूसरा देश नहीं है।' समलैंगिकता को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मोहन भागवत ने कहा कि 'असामान्य' की बजाय 'विविधता' के तौर पर देखा जाना चाहिए।

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मोहन भागवत ने मॉब लिंचिंग को लेकर कहा कि आरएसएस किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करता है और स्वयंसेवकों को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए। इसके बाद उन्होंने कहा कि यदि कोई स्वयंसेवक ऐसी किसी घटना में दोषी पाया जाता है तो हम उसका समर्थन नहीं करेंगे और उसके खिलाफ कानून अपना काम करेगा।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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